
मध्यान्ह भोजन योजना में गड़बड़ी, महादलित बच्चों से करवाई जाती थी सफाई; शिक्षा प्रबंधन समिति के आरोप साबित
भागलपुर | नवगछिया के रंगरा प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कोशकीपुर में शिक्षा व्यवस्था की हालत बेहद चिंताजनक पाई गई है। बीते दिनों BPRO (खंड शिक्षा पदाधिकारी) की टीम द्वारा की गई औचक जांच में स्कूल संचालन और मध्यान्ह भोजन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की पुष्टि हुई है।
क्या-क्या पाया गया जांच में:
🔹 मध्यान्ह भोजन योजना में घोटाला:
जांच में पाया गया कि छात्रों को निर्धारित संतुलित आहार के स्थान पर प्रतिदिन सिर्फ आलू-चावल दिया जाता है। भोजन की गुणवत्ता भी बेहद निम्न स्तर की है।
🔹 अमानवीय व्यवहार:
विद्यालय में साफ-सफाई का कार्य महादलित समुदाय के बच्चों से कराया जा रहा था, जो संवैधानिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है।
🔹 प्रबंधन में लापरवाही:
शिक्षा प्रबंधन समिति की बैठकें कभी नहीं होतीं। सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं और संसाधनों का लाभ बच्चों को नहीं, बल्कि शिक्षकों व प्रधानाध्यापक के बीच बांटा जाता है।
🔹 प्रधानाध्यापक पर आरोप:
BPRO जांच में प्रधानाध्यापक की मनमानी और प्रबंधन में लापरवाही की बात स्पष्ट रूप से सामने आई है। शिक्षा प्रबंधन समिति द्वारा पहले लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए हैं।
स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी
कोशकीपुर के ग्रामीणों और शिक्षा प्रबंधन समिति ने इस लापरवाही को लेकर गंभीर आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षा नहीं, शोषण हो रहा है।
स्थानीय जनता ने जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग से मांग की है कि:
“इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ बच्चों तक पहुंच सके।”