डॉलर के मुकाबले रुपया सात महीने के उच्चतम स्तर पर, विदेशी निवेश और सकारात्मक व्यापार वार्ता बनी वजह
नई दिल्ली — डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया में तेजी का रुख बना हुआ है और शुक्रवार को यह 40 पैसे की मजबूती के साथ 83.90 पर आ गया, जो सात महीनों में सबसे मजबूत स्तर है। पिछला कारोबारी सत्र रुपया 84.49 पर बंद हुआ था।
तेजी की मुख्य वजहें:
- भारतीय शेयर बाजार में भारी विदेशी निवेश
- बीते 11 कारोबारी दिनों में एफआईआई द्वारा ₹37,375 करोड़ का निवेश
- भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में सकारात्मक प्रगति
- डॉलर इंडेक्स में कमजोरी (99 के आसपास)
महत्वपूर्ण आंकड़े:
- शुरुआती कारोबार: 84.09 पर खुला, फिर 83.90 तक मजबूत
- पिछली बार यह स्तर 1 अक्टूबर 2024 को देखा गया था (83.82)
- डॉलर इंडेक्स: छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में 100 से नीचे गिरकर 99 के पास
विशेष बयान:
जेमिसन ग्रीर, अमेरिकी ट्रेड वार्ताकार:
“भारत के साथ व्यापार समझौते की दिशा में काफी प्रगति हुई है। हमारी वार्ता टीम हाल ही में भारत गई थी और मुख्य वार्ताकारों से मुलाकात भी हुई है।”
भावी संकेत:
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि विदेशी निवेश का रुझान और व्यापार वार्ताओं में प्रगति बनी रही, तो रुपया और मजबूत हो सकता है, बशर्ते वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक अस्थिरता न बढ़े।