भागलपुर स्थित समीक्षा भवन में बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने संवाददाता सम्मेलन कर सहकारिता विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने एवं कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित कर रही है।
धान अधिप्राप्ति में ऐतिहासिक सफलता
मंत्री डॉ. कुमार ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान की अधिप्राप्ति के तहत 4.63 लाख किसानों से कुल 39.23 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.5 लाख मैट्रिक टन अधिक है। इस प्रक्रिया में किसानों को 48 घंटों के भीतर भुगतान किया गया।
गेहूँ अधिप्राप्ति में भी हो रहा प्रगति
गेहूँ अधिप्राप्ति वर्ष 2025-26 के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 1289 किसानों से 2365 मैट्रिक टन गेहूँ की खरीद की जा चुकी है।
फसल सहायता योजना बनी संकट में किसानों का संबल
राज्य सरकार की “बिहार राज्य फसल सहायता योजना” के तहत रबी 2022-23 में 2.20 लाख से अधिक किसानों को 164.34 करोड़ रुपये और खरीफ 2023 में 40778 किसानों को 32.83 करोड़ रुपये की सहायता दी गई।
गोदाम निर्माण और राइस मिल परियोजनाएं
सहकारिता विभाग द्वारा राज्यभर में 15.13 लाख मैट्रिक टन भंडारण क्षमता का सृजन किया गया है। अब तक 468 राइस मिल बनकर तैयार हैं, जबकि 32 निर्माणाधीन हैं।
सब्जी उत्पादकों को मिलेगा बड़ा बाजार
‘बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना’ के तहत राज्य में 474 प्रखंड स्तरीय सब्जी उत्पादक समितियाँ बनाई गई हैं। इससे 45 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। टमाटर और आलू जैसी प्रोसेसिंग फसलों की अधिप्राप्ति और विपणन की दिशा में कार्य शुरू हो चुका है।
पैक्स का डिजिटल कायाकल्प
राज्य के 4477 पैक्सों का कम्प्यूटराइजेशन हो चुका है, जिससे कार्यों में पारदर्शिता आई है। अब तक 3252 पैक्सों का सिस्टम आधारित अंकेक्षण भी पूरा किया गया है।
जनसेवाओं के लिए पैक्स को सीएससी में बदला गया
राज्य के 5871 पैक्सों को कॉमन सर्विस सेंटर की ID दी गई है, जिनमें से 4002 सक्रिय हैं। इन केंद्रों से ग्रामीणों को 300 से अधिक सेवाएं मिल रही हैं।
सहकारी चौपाल के माध्यम से जागरूकता का प्रसार
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि सहकारी चौपाल जैसे कार्यक्रमों से आमजन में सहकारिता के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और राज्य में समृद्ध सहकारिता के जरिए समृद्ध बिहार का निर्माण होगा।