LIVE EXIT POLL
🗳️ Axis My India: NDA 121–141 सीटें | महागठबंधन 98–118 सीटें | अन्य 4–8 सीटें
📊 Today’s Chanakya: NDA 130–150 सीटें | महागठबंधन 80–100 सीटें | अन्य 5–10 सीटें
🗳️ India TV–CNX: NDA 118–138 सीटें | महागठबंधन 95–115 सीटें | अन्य 3–6 सीटें
📈 ABP–C Voter: NDA 127 सीटें | महागठबंधन 105 सीटें | अन्य 11 सीटें
🗳️ Times Now–ETG: NDA 120–140 सीटें | महागठबंधन 90–110 सीटें | अन्य 5–8 सीटें
📊 TV9 Bharatvarsh–Polstrat: NDA 125–145 सीटें | महागठबंधन 85–105 सीटें | अन्य 4–6 सीटें
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‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है’ हो या ‘अम्बे तू है जगदम्बे काली’ भजन या फिर ‘दो घुट पिला दे साकिया’ जैसे गाने। इन्हें आवाज दी है भारत के मशहूर गायकों में शुमार नरेंद्र चंचल ने, जिन्होंने ना केवल हिंदी फिल्मों के लिए कई सुपरहिट गाने गाए बल्कि उन्होंने अपने गाए भजनों के जरिए ‘भजन सम्राट’ का खिताब भी हासिल किया।

नरेंद्र चंचल का जन्म 16 अक्टूबर 1940 को अमृतसर के एक पंजाबी परिवार में हुआ। बताया जाता है कि वे एक धार्मिक माहौल में पले-बढ़े। इसी से उन्हें भजन और आरती गाने की प्रेरणा मिली। इस दौरान उन्होंने धार्मिक गीतों और भजनों को गाना शुरू कर दिया।

कई सालों के संघर्ष के बाद भजन सम्राट को पहला बड़ा ब्रेक साल 1973 में आई फिल्म बॉबी से मिला। इस फिल्म में उन्होंने ‘बेशक मंदिर मस्जिद’ गाना गाया, जिसे खूब सराहा गया और इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट मेल प्लेबैक अवॉर्ड भी मिला। इसके अलावा उन्होंने साल 1974 में आई ‘बेनाम’ फिल्म के लिए ‘मैं बेनाम हो गया’ गीत गाया। इसी साल उन्होंने ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में ‘बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई’ गाने को अपनी आवाज दी।

अपनी आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाले नरेंद्र चंचल ने फिल्म ‘आशा’ (1980) में ‘तूने मुझे बुलाया’ गीत गाया, जो उस समय काफी हिट हुआ। इसके बाद उन्होंने 1983 में आई फिल्म ‘अवतार’ के लिए भजन ‘चलो बुलावा आया है’ गाया। यह भजन भी लोगों की जुबान पर चढ़ गया। भजन सम्राट की लोकप्रियता में इजाफा होने लगा और उन्हें एक के बाद एक बड़े प्रोजेक्ट मिलने लगे। उन्होंने 1985 में आई फिल्म ‘काला सूरज’ के लिए ‘दो घूंट पिला दे’ और 1994 में आई फिल्म ‘अनजाने’ के लिए ‘हुए हैं कुछ ऐसे वो हमसे पराए’ गाने को अपनी आवाज दी।

80 का दशक आते-आते नरेंद्र चंचल ने कामयाबी का परचम लहरा दिया था। उनकी लोकप्रियता ऐसी थी कि हर कोई उनसे गाना गंवाना चाहता था। चाहे वह शोमैन राज कपूर हो या फिर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन। नरेंद्र चंचल ने ‘मिडनाइट सिंगर’ नाम से अपनी बायोग्राफी भी जारी की, जिसमें उनके जीवन और कठिनाइयों पर बात की गई है। उनकी मां वैष्णो देवी में भी आस्था थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे हर साल वैष्णो देवी जाते थे और वहां परफॉर्म करते थे।

भजन सम्राट नरेंद्र चंचल ने 22 जनवरी, 2021 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली।

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