पटना | 24 जून 2025: केंद्रीय विद्युत एवं आवास मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को पटना में पूर्वी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए क्षेत्रीय बिजली सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन में बिजली क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, भविष्य की जरूरतें और रणनीतिक योजनाओं पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव, बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, झारखंड के शहरी विकास मंत्री सुदीव्य कुमार, विद्युत सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री मनोहर लाल के प्रमुख बिंदु:
- भारत अब बिजली की कमी से मुक्त हो चुका है और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।
- 2024 में 250 गीगावाट, और 2025 में 242 गीगावाट की अधिकतम मांग पूरी की जा चुकी है।
- वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य हेतु केंद्र-राज्य साझेदारी को ज़रूरी बताया गया।
- वर्ष 2034-35 तक 446 गीगावाट तक संभावित मांग की पूर्ति हेतु संसाधन योजना तैयार करने का आह्वान।
- सभी राज्यों से कम-से-कम एक परमाणु संयंत्र स्थापित करने का सुझाव।
प्रमुख घोषणाएं और सुझाव:
- नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा अप्रैल 2025 तक 49% तक पहुँचा; 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य।
- साइबर सुरक्षा के लिए बिजली ग्रिड में आइलैंडिंग योजनाएं अपनाने की सलाह।
- बिजली वितरण क्षेत्र को 2032 तक ₹42 लाख करोड़ की अनुमानित ज़रूरत।
- प्री-पेड स्मार्ट मीटर:
- अगस्त 2025 तक सभी सरकारी कार्यालयों में
- नवंबर 2025 तक वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं में अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे।
- राज्यों को वन स्वीकृति और रास्ते के अधिकार जैसी बाधाओं को शीघ्र सुलझाने का अनुरोध।
राज्य मंत्री श्रीपद नाइक का आह्वान:
- पीएम कुसुम योजना को दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने और
- पीएम सूर्य घर योजना को तेज़ी से लागू करने की अपील की।
निष्कर्ष में केंद्रीय मंत्री का संकल्प:
“हर समय, सभी के लिए बिजली — यही हमारा लक्ष्य है। केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र को सशक्त करने के लिए राज्यों के साथ खड़ी है।”