कोलकाता, 6 अक्टूबर 2025:भारतीय रेलवे ने पश्चिम बंगाल के रानाघाट–बनगांव खंड के दोहरीकरण के लिए ₹396.04 करोड़ की स्वीकृति दी है। यह खंड पूर्व रेलवे के सियालदह मंडल का प्रमुख हिस्सा है और अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित बनगांव स्टेशन को सियालदह–कृष्णानगर मुख्य लाइन से जोड़ता है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना से नदिया और उत्तर 24 परगना जिलों के बीच माल और यात्री आवाजाही में तेजी आएगी। रानाघाट–बनगांव खंड में कुल 32.93 किमी की दूरी पर दोहरीकरण किया जाएगा, जिसमें 9 स्टेशन और 2 सीमित ऊँचाई वाले सबवे (एलएचएस) शामिल होंगे। एक सबवे रानाघाट और माझेरग्राम के बीच और दूसरा माझेरग्राम और गोपालनगर के बीच बनाया जाएगा।
परियोजना का सामाजिक और आर्थिक महत्व
- इस दोहरीकरण से यात्री और माल रेलगाड़ियों की आवाजाही निर्बाध होगी, जिससे सिंगल लाइन खंड की तरह क्रॉसिंग के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- क्षेत्र में प्रतिदिन 10 अतिरिक्त यात्री ट्रेनें संचालित की जा सकेंगी, जिससे रेलवे की आय में ₹8.66 करोड़ की वृद्धि होगी।
- 0.88 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल यातायात की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
- हाल ही में रानाघाट–बनगांव मार्ग पर एसी ईएमयू लोकल ट्रेन सेवा शुरू की गई है, जो यात्री सेवा में वृद्धि का संकेत देती है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस खंड का वर्तमान क्षमता उपयोग 114% है और दोहरीकरण कार्य पूरा होने के बाद भीड़-भाड़ कम होगी, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन में सुविधा और समय की बचत होगी।
खंड का भौगोलिक विवरण
- रानाघाट जंक्शन सियालदह–कृष्णानगर–लालगोला मुख्य लाइन खंड पर स्थित है।
- बनगांव स्टेशन सियालदह/कोलकाता–दमदम बनगांव–पेट्रापोल खंड पर स्थित है।
- दोहरीकरण के बाद यह क्षेत्र देश के अन्य राज्यों और पड़ोसी देशों तक बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करेगा।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना पश्चिम बंगाल के लोगों के जीवन को आसान बनाने और क्षेत्रीय सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में अहम साबित होगी।
