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पटना, 6 अक्टूबर 2025:बिहार और नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से कोसी और राज्य की अन्य प्रमुख नदियां उफान पर हैं। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस स्थिति के कारण उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। रविवार को राज्य में डूबने से दो सगी बहनों समेत 17 लोगों की मौत हुई।


कोसी का रिकॉर्ड जलप्रवाह

कोसी में रिकॉर्ड जलप्रवाह के कारण वीरपुर बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। रविवार शाम चार बजे तक कोसी बराज से 5,33,540 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अधिकारियों ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने से सुपौल, मधेपुरा और सहरसा में जलस्तर बढ़ा है।

जल संसाधन विभाग के निर्देश पर इंजीनियर लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। तटबंध सुरक्षा कर्मियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। तटबंध के अंदर रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर सुरक्षित रहने की अपील की गई है।

सुपौल के छह प्रखंडों में करीब 500 घरों में कोसी का पानी घुस चुका है। छातापुर में नहर का तटबंध शनिवार देर रात टूट गया, जिससे लगभग 150 एकड़ धान की फसल डूब गई।


अन्य नदियां भी उफान पर

  • कमला, कमला बलान, बूढ़ी गंडक, बागमती और अधवारा समूह की नदियां उफान पर हैं।
  • पश्चिम चंपारण: सिकटा का तटबंध टूटने से गांव में चार फीट पानी भर गया। घोड़ासहन केनाल का पानी सीमा सड़क पर बह रहा है
  • पूर्वी चंपारण: दुधौरा नदी के बांध चार जगह टूट गए, जिससे गांवों में पानी फैलने लगा।

किशनगंज, अररिया और कटिहार में हालात गंभीर

  • ठाकुरगंज: मेची और महानंदा नदी का पानी 6 गांवों में घुस गया।
  • अररिया: एनएच की एक लेन धंस गई।
  • सीतामढ़ी: बागमती समेत सभी नदियों का जलस्तर लाल निशान से ऊपर है।
  • सोनबरसा: एनएच 227 और एनएच 22 पर पानी चढ़ गया।

बिहार में बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारियों ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने और घरों में पानी जमा होने पर सतर्क रहने की अपील की है।


 

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