LIVE EXIT POLL
🗳️ Axis My India: NDA 121–141 सीटें | महागठबंधन 98–118 सीटें | अन्य 4–8 सीटें
📊 Today’s Chanakya: NDA 130–150 सीटें | महागठबंधन 80–100 सीटें | अन्य 5–10 सीटें
🗳️ India TV–CNX: NDA 118–138 सीटें | महागठबंधन 95–115 सीटें | अन्य 3–6 सीटें
📈 ABP–C Voter: NDA 127 सीटें | महागठबंधन 105 सीटें | अन्य 11 सीटें
🗳️ Times Now–ETG: NDA 120–140 सीटें | महागठबंधन 90–110 सीटें | अन्य 5–8 सीटें
📊 TV9 Bharatvarsh–Polstrat: NDA 125–145 सीटें | महागठबंधन 85–105 सीटें | अन्य 4–6 सीटें
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पूर्णिया/पटना, 10 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल (यूनाइटेड) के लिए सीमांचल में संकट की घंटी बज गई है। पूर्णिया के पूर्व सांसद और JDU के कद्दावर नेता संतोष कुशवाहा आज दोपहर 2 बजे पार्टी से इस्तीफा देंगे। इसके साथ ही वे अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होंगे।

सूत्रों के अनुसार, पटना में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में तेजस्वी यादव खुद संतोष कुशवाहा को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। संतोष कुशवाहा सीमांचल क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में शामिल हैं और उनका जनाधार खासकर पूर्णिया, किशनगंज और अररिया में मजबूत माना जाता है।

संतोष कुशवाहा ने क्यों छोड़ी JDU?
सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से कुशवाहा पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। संगठन में उनका दरकिनार किया जाना और टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में अनदेखी, उनके असंतोष की मुख्य वजह बनी। यही कारण है कि उन्होंने JDU का दामन छोड़ RJD का दामन थामने का निर्णय लिया।

सीमांचल में JDU को चुनावी झटका
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि संतोष कुशवाहा के पार्टी छोड़ने से JDU के लिए सीमांचल क्षेत्र में चुनावी चुनौती बढ़ जाएगी। वहीं, RJD को इस क्षेत्र में मजबूती मिलने की उम्मीद है। चुनावी समीकरणों पर इसका सीधा असर पड़ सकता है, क्योंकि कुशवाहा के समर्थक उनके पीछे जाएंगे और वोट बैंक में खलबली मच सकती है।

लगातार नेताओं का पलायन
गौरतलब है कि गुरुवार को ही JDU के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। लक्ष्मेश्वर राय ने तुरंत RJD का दामन थामा और तेजस्वी यादव से मिलकर सदस्यता ग्रहण की। RJD में शामिल होने के बाद लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि जिस पार्टी के लिए उन्होंने सालों काम किया, वह अब अतिपिछड़ों की पार्टी नहीं रही। उन्होंने आरोप लगाया कि JDU में अतिपिछड़े समाज के लोगों की अनदेखी की जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषण:
विशेषज्ञों का कहना है कि सीमांचल में JDU का जनाधार कमजोर होने से RJD को फायदा मिलेगा। आगामी विधानसभा चुनाव में कुशवाहा और उनके समर्थकों की सक्रिय भागीदारी RJD को सीमांचल में पकड़ मजबूत करने में मदद कर सकती है। JDU के लिए यह साफ संकेत है कि पार्टी को इस क्षेत्र में अपने नेताओं और संगठन को मजबूत करने की रणनीति बदलनी होगी।


 

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