
भोजपुर, 28 जून 2025 – जन सुराज अभियान के सूत्रधार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार में मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में की गई घोषणाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद से मतदाता सूची में फेरबदल को लेकर जो शंकाएँ उठी हैं, उस पर आयोग की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया में कोई बदलाव करता है, तो उसे पहले जनता और अन्य सभी हितधारकों को भरोसे में लेना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार का बदलाव पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए, ताकि जनता को किसी प्रकार की आशंका या संदेह न रहे।
PK ने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग यह स्पष्ट करे कि:
- मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया क्या है?
- इसके मापदंड क्या हैं?
- और किस आधार पर किसी मतदाता का नाम जोड़ा या हटाया जाएगा?
उन्होंने कहा कि “चुनाव आयोग की कार्यशैली को लेकर पहले से ही कई सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर महाराष्ट्र चुनाव के बाद। यदि पारदर्शिता नहीं बरती गई तो यह संदेह बना रहेगा कि सत्ता पक्ष के दबाव में भाजपा विरोधी मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं।”
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी है कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर लोगों का भरोसा बना रहे। इसलिए आयोग को जल्द से जल्द संशोधन प्रक्रिया की रूपरेखा सार्वजनिक करनी चाहिए।