
पटना, 5 जुलाई 2025: बिहार के चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या को लेकर सूबे की राजनीति में उबाल है। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पटना स्थित पीड़ित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे। उन्होंने इस हत्याकांड को सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बताया और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सरकार की कार्रवाई: SIT गठित, जांच तेज
डिप्टी सीएम ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी है। जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
“हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है कि चाहे अपराधी पाताल में भी क्यों न छिपे हों, उन्हें तलाशकर जेल भेजा जाएगा।”
— सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री, बिहार
उन्होंने कहा कि राज्य में व्यापारियों और उद्यमियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। खेमका की हत्या ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं और इसका समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा।
विपक्ष का हमला: सरकार विफल, अपराध चरम पर
खेमका की हत्या के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि बिहार में कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है और अपराधी बेलगाम हो चुके हैं।
विपक्ष का आरोप है कि
- पुलिस तंत्र पंगु हो चुका है
- बड़े व्यवसायियों तक सुरक्षित नहीं हैं
- आम आदमी भय के साए में जी रहा है
व्यापारी वर्ग में डर का माहौल
गोपाल खेमका की हत्या के बाद बिहार के व्यापारियों में गहरा असंतोष और भय है। कई उद्योग संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए सरकार से ठोस सुरक्षा उपायों की मांग की है।
सरकार ने इस घटना के बाद संवेदनशील व्यापारिक प्रतिष्ठानों और व्यवसायियों को सुरक्षा देने का निर्णय लिया है।
क्या है मामला?
ज्ञात हो कि बीते सप्ताह पटना में दिनदहाड़े चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अपराधियों ने यह वारदात थाना से चंद कदम की दूरी पर अंजाम दी थी, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जांच पर टिकी निगाहें:
SIT की जांच पर अब पूरे राज्य की निगाहें टिकी हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही जांच में कुछ महत्वपूर्ण खुलासे सामने आ सकते हैं, जिससे हत्या की साजिश और मंशा स्पष्ट हो सकेगी।
गोपाल खेमका की हत्या ने न केवल राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि बिजनेस क्लास और उद्यमियों के बीच गहरा असंतोष भी पैदा किया है।
अब देखने वाली बात होगी कि सरकार अपनी घोषणाओं पर कितनी तेजी से अमल कर पाती है।