नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद के विशेष सत्र के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक ऐतिहासिक और विचारोत्तेजक भाषण दिया। उन्होंने इस पूरे अभियान को “भारत की संप्रभुता, सेना के पराक्रम और आत्मनिर्भर भारत की शक्ति” का प्रमाण बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह संसद सत्र भारत के विजयोत्सव का प्रतीक है। सिंदूर की सौगंध और 140 करोड़ देशवासियों की एकता का उत्सव है।”
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ जबावी कार्रवाई
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए 6 और 7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया।
- 22 मिनट में लक्ष्य साधे गए
- पाकिस्तान के आतंकी अड्डे — बहावलपुर, मुरीदके व अन्य ठिकानों को ध्वस्त किया गया
- ड्रोन, मिसाइल और तकनीकी हथियारों में ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता का प्रदर्शन
- पाकिस्तान की “न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग” नीति को भारत ने नाकाम किया
सेना को खुली छूट – एक नया भारत
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि सेना को निर्देश दिए गए थे: “कब, कहां, कैसे – सब सेना तय करे।”
उन्होंने कहा कि अब भारत अपने शर्तों पर, अपने समय पर जवाब देगा।
“पहले आतंकी हमलों के बाद मास्टरमाइंड निश्चिंत रहते थे… अब भारत अस्तित्व पर खतरा बन गया है उनके लिए।”
दुश्मन को मिला वही जवाब – “गोली का जवाब गोले से”
प्रधानमंत्री ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति से अपनी बातचीत साझा करते हुए बताया कि 9 मई की रात को जब पाकिस्तान बड़े हमले की तैयारी कर रहा था, भारत ने स्पष्ट संदेश दिया:
“अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा।”
9 और 10 मई की रात भारत ने अभूतपूर्व जवाबी हमले किए:
- पाकिस्तान के कई एयरबेस और सैन्य प्रतिष्ठानों पर सटीक हमले
- दुश्मन को फैज़ाबाद से बहावलपुर तक ध्वस्त कर दिया गया
- 1000 से अधिक मिसाइलों और ड्रोन के हमलों को भारतीय एयर डिफेंस ने विफल कर दिया
आत्मनिर्भर भारत की विजय गाथा
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आत्मनिर्भर डिफेंस निर्माण नीति की सफलता है:
- मेड इन इंडिया – मिसाइल, ड्रोन, इंटेलिजेंस सिस्टम्स
- निजी क्षेत्र, स्टार्टअप्स और युवाओं की सक्रिय भागीदारी
- डिफेंस एक्सपोर्ट में 11 वर्षों में 30 गुना वृद्धि
“भारत अब सुरक्षा के क्षेत्र में आयातक नहीं, निर्यातक बन रहा है।”
विदेश नीति में स्पष्टता और वैश्विक समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के 193 में से केवल 3 देशों ने अभियान के दौरान पाकिस्तान का पक्ष लिया।
बाकी सभी वैश्विक शक्तियों — अमेरिका, फ्रांस, रूस, जर्मनी, ब्रिक्स, क्वाड — ने भारत का समर्थन किया।
“किसी भी देश ने भारत को रोकने की कोशिश तक नहीं की।”
सर्जिकल स्ट्राइक से ऑपरेशन सिंदूर तक – बदलते दौर की तस्वीर
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर सीधे आरोप लगाए कि:
- पहले आतंकी हमलों के बाद कोई जवाब नहीं दिया जाता था
- सरकारें चुप्पी साध लेती थीं
- सेना के पराक्रम पर संदेह किया जाता था
“कांग्रेस हमेशा पाकिस्तान को क्लीन चिट देती रही है… सेना से सबूत मांगती रही है… आज भी वही आदत जारी है।”
पाकिस्तान की “हड़बड़ी” – घुटनों पर आने को मजबूर
प्रधानमंत्री मोदी ने खुलासा किया कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान के DGMO ने भारत से युद्ध रोकने की गुहार लगाई।
“पाकिस्तान को समझ आ गया था – अब भारत का जवाब पहले से ज़्यादा तगड़ा होगा।”
इतिहास का जिक्र — कांग्रेस को घेरा
उन्होंने नेहरू और कांग्रेस पर कश्मीर, सिंधु जल संधि, सियाचिन और डिप्लोमैटिक कमजोरियों को लेकर तीखा हमला बोला:
- “कांग्रेस ने 80% पानी पाकिस्तान को सौंपा, और अपने किसानों को सूखा दिया।”
- “26/11 के बाद एक भी पाकिस्तानी डिप्लोमैट पर कार्रवाई नहीं हुई थी।”
- “PoK को पाकिस्तान के हवाले करने का दोष भी कांग्रेस पर है।”
प्रधानमंत्री का संदेश: ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है
प्रधानमंत्री ने सांसदों को स्पष्ट चेतावनी दी:
“अब भारत आतंकी नर्सरी को भी मिट्टी में मिलाएगा… ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है।”
“भारत का हर जवाब पहले से ज़्यादा प्रचंड होगा।”
अंतिम पंक्तियाँ – जनभावनाओं का सम्मान
“करो चर्चा और इतनी करो,
कि दुश्मन दहशत से दहल उठे…
मान सिंदूर और सेना का,
प्रश्नों में भी अटल रहे।”
नया भारत, निर्णायक भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पूरे संबोधन में यह स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद, न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग या राजनैतिक दबाव के सामने झुकने वाला देश नहीं है।
“ऑपरेशन सिंदूर” भारत की नई सैन्य दृष्टि, तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता की घोषणा है – न केवल पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया के लिए।


