भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी में लौटने जा रहे हैं। पवन सिंह ने दिल्ली में राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की, जहाँ कुशवाहा ने उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही भाजपा में उनकी घर वापसी का रास्ता साफ हो गया।
लोकसभा चुनाव 2024 में काराकाट सीट पर पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा आमने-सामने थे। पवन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और इस कारण कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन अब विधानसभा चुनाव से पहले दोनों नेताओं की सुलह भाजपा के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इससे पार्टी को राजपूत और कुशवाहा दोनों समाज का समर्थन हासिल करने में मदद मिल सकती है।
मुलाकात के दौरान भाजपा प्रभारी विनोद और नेता ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद रहे। भाजपा नेताओं ने साफ किया कि पवन सिंह भाजपा में हैं और पार्टी में ही रहेंगे। अब पवन सिंह 5 अक्टूबर को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे और एनडीए के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
भाजपा के लिए यह कदम रणनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है। पवन सिंह की लोकप्रियता भोजपुरी क्षेत्र और युवाओं के बीच खासा असर डालती है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में आसनसोल से टिकट दिए जाने के बाद विवादों के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इसके बाद काराकाट से निर्दलीय मैदान में उतरने से एनडीए को नुकसान उठाना पड़ा। राजपूत वोटरों में भी नाराजगी देखी गई, जिसके चलते पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, औरंगाबाद और जहानाबाद जैसी सीटें हाथ से निकल गईं।
अब विधानसभा चुनाव के पहले पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा का साथ आना भाजपा-एनडीए के लिए मजबूती का संकेत माना जा रहा है। पार्टी का मानना है कि पवन सिंह की एंट्री से चुनावी गणित में बड़ा बदलाव हो सकता है।


