पटना: बिहार में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि जुड़ने जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी में पटना से सासाराम तक 3700 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक 4 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का निर्माण हो रहा है। इस हाईवे के बन जाने से दोनों शहरों के बीच की यात्रा न सिर्फ आसान होगी, बल्कि समय की भी बड़ी बचत होगी। फिलहाल यह दूरी तय करने में जहां 4 घंटे तक लगते हैं, वहीं नया हाईवे बनने के बाद यह सफर महज डेढ़ घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
120 किमी की दूरी अब सिर्फ डेढ़ घंटे में
वर्तमान में पटना से सासाराम के बीच की यात्रा स्टेट हाईवे-2 (SH-2) और स्टेट हाईवे-81 (SH-81) के जरिए होती है, जहां कई जगहों पर जाम और धीमी गति से चलने वाला यातायात बड़ी परेशानी बनता है। लेकिन नया एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे पूरी तरह बाधा-मुक्त यात्रा का अनुभव देगा। यह एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जिसका मतलब है कि यह पूरी तरह नए मार्ग पर बनाया जा रहा है।
क्या होता है एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे?
एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे ऐसे हाईवे होते हैं, जहां प्रवेश और निकास के लिए सीमित बिंदु बनाए जाते हैं। इससे सफर के दौरान रुकावटें कम होती हैं और वाहन बिना बार-बार ब्रेक लगाए तेज गति से चल सकते हैं। ऐसे हाईवे को विशेष रूप से हाई-स्पीड और सुगम यात्रा के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
इन जिलों को होगा बड़ा लाभ
यह हाईवे पटना से आरा होते हुए सासाराम तक पहुंचेगा और इसके रास्ते में एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131G और एनएच-120 जैसे राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा यह बिहार राज्य के हाइवे SH-12, SH-102, SH-2 और SH-81 से भी होकर गुजरेगा। इससे पटना, भोजपुर, अरवल, रोहतास और सासाराम जिले के लाखों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।
इन इलाकों की किस्मत चमकेगी
पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर से खासकर पीरो, नौबतपुर, अरवल, सहार, हसन बाजार, संझौली और नोखा जैसे कस्बों और इलाकों को राहत मिलेगी। यातायात सुगम होने से स्थानीय व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार आने की उम्मीद है। साथ ही यह हाईवे पटना से वाराणसी की दूरी भी काफी हद तक आसान बना देगा।
निर्माण की समय-सीमा: 2 साल
सरकारी जानकारी के अनुसार, इस हाईवे को दो साल के भीतर तैयार कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य के बाद यह न सिर्फ यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि बिहार की आर्थिक रफ्तार को भी नई गति देगा।