
पटना, 23 जून।बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। दानापुर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक रीतलाल यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दो दिन पहले उनके साले शैलेंद्र उर्फ चिक्कू की संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद अब एक नए मामले में रीतलाल यादव का नाम सामने आया है। इस मामले में पटना पुलिस ने रविवार की देर रात उनके 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
फरियादी की शिकायत पर कार्रवाई
खगौल थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि वह कोथवां इलाके में एक भूखंड पर निर्माण करा रहे थे, जहां रीतलाल यादव के इशारे पर उनके गुर्गों ने चारदीवारी को तोड़ दिया। इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने यह कार्रवाई की।
सिटी एसपी के नेतृत्व में चला अभियान
इस बड़ी कार्रवाई का नेतृत्व सिटी एसपी (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह कर रहे थे। छापेमारी में दानापुर, शाहपुर, खगौल, रूपसपुर, मनेर समेत कुल 12 थानों की पुलिस टीमों ने हिस्सा लिया। दानापुर और फुलवारीशरीफ के एसडीपीओ भी कार्रवाई में शामिल थे।
अचानक हुई छापेमारी से मचा हड़कंप
रविवार रात एक साथ कई जगहों पर पुलिस कार्रवाई शुरू होते ही इलाके में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी की योजना पहले से तैयार थी और कुछ ठिकानों पर भूमाफिया के पास हथियार होने की सूचना भी थी। इसी वजह से पुलिस ने भारी बल के साथ छापेमारी की। हालांकि इस दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी और रीतलाल यादव के कई समर्थक मौके से फरार हो गए।
पहले से जेल में हैं विधायक और करीबी
गौरतलब है कि विधायक रीतलाल यादव पहले से ही कई मामलों में जेल जा चुके हैं। बिल्डर कुमार गौरव से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में उन्होंने स्वयं न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। वर्तमान में विधायक के भाई, साला और अन्य छह करीबी भी जेल में बंद हैं।
यह मामला राजद के लिए भी राजनीतिक तौर पर असहज स्थिति पैदा कर सकता है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव का माहौल धीरे-धीरे गर्म होने लगा है।