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पटना हाईकोर्ट ने राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने व कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ में वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत किया।कोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई में प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। इस मामलें पर अगली सुनवाई 12 मार्च,2024 को होगी।

पिछली सुनवाई में भी कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया था कि तेरह स्थानों के लिए वकीलों के लिए भवन निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के लिए टेंडर जारी कर दिया गया। बाकी अन्य जिलों में भी कार्रवाई चल रही है।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने भूमि उपलब्धता से सम्बंधित मामलें पर राज्य के विकास आयुक्त को अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी बताने को कहा था कि राज्य के 38 जिलों में से कितने जिलों में वकीलों के भवन निर्माण के लिए जिलाधिकारियों ने भूमि चिन्हित कर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली है।

वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को सुझाव दिया था कि भवनों का निर्माण राज्य सरकार का भवन निर्माण विभाग करें,तो काम तेजी से हो सकेगा। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य के अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है।अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते है,लेकिन उनके लिए न तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और न कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। वकीलों के लिये शुद्ध पेय जल,शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं होती हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि अदालतों के भवन के लिए जहां भूमि उपलब्ध भी है,वहां भूमि को स्थानांतरित नहीं किया गया है। जहां भूमि उपलब्ध करा दिया गया है, वहां कार्य प्रारम्भ नही तो पाया हैं। इस मामलें पर अगली सुनवाई 12मार्च,2024 को की जाएगी।

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