
पटना, 20 जून।बिहार की महिलाएं अब परिवहन क्षेत्र में भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। जिन कार्यों को पहले सिर्फ पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था, वहां अब महिलाएं भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। राज्य में महिलाओं को मोटर वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाने की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 से अब तक बिहार में कुल 1 लाख 29 हजार से अधिक महिलाओं को दोपहिया एवं चारपहिया वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया गया है। यह आंकड़ा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
पटना प्रमंडल सबसे आगे
महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले में पटना प्रमंडल सबसे आगे है। यहां अब तक 40 हजार से अधिक महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किए गए हैं।
इसी क्रम में तिरहुत प्रमंडल में लगभग 33 हजार, दरभंगा में तीसरे स्थान पर, मगध चौथे और मुंगेर प्रमंडल पांचवें स्थान पर हैं।
कोसी प्रमंडल में सबसे कम महिलाओं के पास—लगभग 4 हजार—ड्राइविंग लाइसेंस हैं।
जिला स्तर पर भी पटना शीर्ष पर
अगर जिलावार आंकड़ों की बात करें तो पटना जिले में 29,417 महिलाएं ड्राइविंग लाइसेंस धारक बन चुकी हैं। इसके बाद मुजफ्फरपुर जिले की 18,560 महिलाएं इस सूची में शामिल हैं।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम: परिवहन सचिव
बदलते सामाजिक परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए बिहार के परिवहन सचिव संदीप कुमार आर. पुडकलकट्टी ने कहा:
“पहले महिलाएं स्कूल, ऑफिस या बाजार के कामों के लिए दूसरों पर निर्भर होती थीं। लेकिन अब महिलाएं स्वयं ड्राइव कर रही हैं। यह न सिर्फ सुविधा है, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है।“
महिलाओं को बढ़ावा देने की नीति का असर
महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और जागरूकता अभियानों का असर अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। मोटर वाहन क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस बदलाव की एक मजबूत मिसाल है।