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बिहार में आप्त सचिवों के लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। नये गाइडलाइन में सरकारी और प्राइवेट PA के लिए दिशा निर्देश तय किए गए हैं। जिसके तहत अब सरकारी आप्त सचिव ही सरकारी कार्य करेंगे। प्राइवेट आप्त सचिव मंत्री के सामान्य कार्य करेंगे। इसको लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी कर दिया गया।

बता दें कि पिछले दिनों विभाग के एसीएस केके पाठक ने एक पत्र जारी कर निजी सचिव को ऑफिस आने पर रोक लगा दिया।वजापतेशिक्षा विभाग ने एक नोटिफिकेशन भी जारी कर मंत्री के आप्त सचिव के ही ऑफिस में आने पर रोक लगा दी. शिक्षा मंत्री की ओर से इसे लेकर एक पीत पत्र भी लिखा गया था. जिसके बाद ये पूरा विवाद बढ़ता गया।

शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ कृष्णानंद यादव को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि निर्देशानुसार पिछले एक सप्ताह में आपके द्वारा भांति भांति के पीत पत्रों में भांति भांति के निर्देश विभाग और विभागीय पदाधिकारियों को भेजे गए हैं. इस संबंध में आपको आगाह किया गया था कि आप आप्त सचिव तौर पर हैं. इसलिए आपको नियम के तहत सरकारी अधिकारियों से सीधे पत्राचार नहीं करना चाहिए।

जारी पत्र में कहा गया है कि आपके लगातार जारी अनर्गल पीत पत्रों और विवेकपूर्ण बातों से यह पता चलता है कि आपको माननीय मंत्री के प्रकोष्ठ में अब कोई काम नहीं है और आप व्यर्थ के पत्र लिखकर विभाग के पदाधिकारियों का समय नष्ट कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि आपकी सेवाएं लौटाने के लिए सक्षम प्राधिकार को विभाग पहले ही लिख चुका है. विभाग द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि अब आप शिक्षा विभाग के कार्यालय में भौतिक रूप से प्रवेश नहीं कर सकते हैं।