पटना, 07 जुलाई 2025:बिहार में एकीकृत आपातकालीन सेवा डायल-112 (ERSS) ने तीन वर्ष पूरे करते हुए राज्य के आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। घरेलू हिंसा से लेकर सड़क हादसों और आगजनी तक, हर संकट की घड़ी में यह सेवा लोगों के लिए सुरक्षा की ढाल बनकर खड़ी रही है।
बिहार पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने इस अवसर पर सेवा से जुड़े कर्मियों को सम्मानित करते हुए बताया कि डायल-112 ने अब तक 40 लाख से अधिक नागरिकों को त्वरित सहायता प्रदान की है। हर दिन औसतन 65,000 कॉल्स प्राप्त होती हैं, जिनमें से लगभग 6,000 मामलों में मौके पर मदद पहुंचाई जाती है।
बिहार बना देश में कॉल रिस्पॉन्स में दूसरे नंबर पर राज्य
डायल-112 के एकीकृत हेल्पलाइन मॉडल ने बिहार को देश में दूसरे स्थान पर ला दिया है। यह सेवा पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, डिजास्टर रिस्पॉन्स और हाईवे पेट्रोलिंग को एक प्लेटफॉर्म पर समाहित करती है।
औसत रिस्पॉन्स टाइम: 15 मिनट
कुल वाहन: 1833 (1283 चारपहिया, 550 दोपहिया)
हाईवे पेट्रोलिंग वाहन: 119
मुख्य सहायता श्रेणियाँ और आंकड़े
| सहायता श्रेणी | मामलों की संख्या |
|---|---|
| घरेलू हिंसा / महिला-बाल अपराध | 3.57 लाख+ |
| स्थानीय विवाद / मारपीट | 21.79 लाख+ |
| सड़क दुर्घटनाएँ | 1.84 लाख+ |
| आगजनी | 1.15 लाख+ |
महिलाओं के लिए ‘सुरक्षित सफर सुविधा’
सितंबर 2024 में शुरू की गई यह योजना अकेली यात्रा कर रही महिलाओं को विशेष सुरक्षा प्रदान करती है। महिलाएं अपनी यात्रा की जानकारी डायल-112 से साझा करती हैं, जिसके बाद तकनीकी निगरानी और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित गश्ती वाहन (ERV) भेजा जाता है। बिहार इस सेवा को लागू करने वाला देश का तीसरा राज्य बन चुका है।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल – महिला स्टाफ द्वारा कॉल रिस्पॉन्स केंद्र का संचालन
पटना स्थित कॉल टेकर सेंटर का संचालन महिला पुलिसकर्मियों द्वारा किया जा रहा है, जिससे सेवा महिलाओं के लिए और अधिक संवेदनशील व प्रभावी बन सकी है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
डायल-112: संकट का समाधान, भरोसे का नाम
डायल-112 अब बिहार के नागरिकों के लिए केवल एक नंबर नहीं, बल्कि भरोसे की पहचान और संकट मोचन सेवा बन चुका है। इसका उद्देश्य स्पष्ट है – एकीकृत तकनीक, संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के साथ नागरिकों को सुरक्षित रखना। अब अलग-अलग आपात सेवाओं के लिए अलग-अलग नंबर याद रखने की आवश्यकता नहीं – सिर्फ एक नंबर, 112 ही काफी है।
सूचना स्रोत:
बिहार पुलिस मुख्यालय, डायल-112 संचालन इकाई, पटना
हेल्पलाइन: 112 (24×7 सेवा)


