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पत्नी को गुजारा भत्ता न देना पड़ा महंगा, अधिवक्ता को भेजा गया जेल — समस्तीपुर कोर्ट का सख्त रुख

ByLuv Kush

अप्रैल 20, 2025
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समस्तीपुर, बिहार।बिहार के समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ पत्नी को गुजारा भत्ता न देने पर एक अधिवक्ता को जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई परिवार न्यायालय के विशेष न्यायाधीश संजय अग्रवाल ने की, जिन्होंने न्याय के सिद्धांतों को सर्वोपरि रखते हुए कानून का पालन न करने वाले अधिवक्ता के खिलाफ सख्त कदम उठाया।

2016 से लंबित था गुजारा भत्ता का भुगतान

जानकारी के अनुसार, अधिवक्ता मनीष कुमार पर उनकी पत्नी प्रीति राज ने 2013 में भरण-पोषण का केस दर्ज कराया था। 2016 में अदालत ने मनीष को आदेश दिया था कि वह हर महीने 6,000 रुपए की गुजारा राशि पत्नी को दें। लेकिन मनीष कुमार ने लगातार आदेश की अवहेलना की, जिसके चलते यह राशि बढ़कर 7 लाख 72 हजार रुपए हो गई है।

बचाव पक्ष की अपील को किया खारिज

मनीष कुमार के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया कि उन्हें जेल न भेजा जाए, लेकिन न्यायालय ने यह अपील खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश संजय अग्रवाल ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि “न्यायपालिका में न्याय सबके लिए बराबर है और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।”

रॉन्ग नंबर से शुरू हुई थी प्रेम कहानी, शादी तक पहुंचा रिश्ता

पीड़िता प्रीति राज ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि साल 2010 में मनीष कुमार से रॉन्ग नंबर के जरिए बातचीत शुरू हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई और दोनों ने परिवार की सहमति से शादी कर ली।

साल 2012 में बेटी के जन्म के बाद रिश्तों में खटास आ गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मनीष के कई महिलाओं से अवैध संबंध थे और ससुराल वालों का व्यवहार भी उनके प्रति प्रताड़नापूर्ण था।

“शादी के बाद मनीष की दो-तीन लड़कियों से नजदीकियों की खबर मिली। इसके बाद वे मुझसे अलग हो गए।” — प्रीति राज, पीड़िता

अगर नहीं दी गई राशि, तो और बढ़ेगा भुगतान

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर मनीष कुमार आगे भी गुजारा भत्ता का भुगतान नहीं करते हैं, तो राशि में और वृद्धि की जाएगी। यह मामला उन लोगों के लिए एक बड़ा सबक है जो कानून के आदेशों की अनदेखी करते हैं, चाहे वे किसी भी पेशे से जुड़े हों।

निष्कर्ष:

यह मामला यह साबित करता है कि कानून की नजर में सब बराबर हैं — चाहे वह एक आम नागरिक हो या अधिवक्ता। न्यायपालिका ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि कानून की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।

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