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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर प्रदेश की सियासत चरम पर है।एक ओर जहां महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर फूट के आसार दिख रहे हैं,वहीं दूसरी ओर एनडीए की एकता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई है
क्या नीतीश कुमार एक बार फिर ‘पलटी’ मारने वाले हैं?


नीतीश कुमार की नाराजगी से मचा सियासी बवाल

सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे में चिराग पासवान को तरजीह दिए जाने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज बताए जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि जेडीयू की परंपरागत सीटों में बदलाव से
वे असहज महसूस कर रहे हैं। इसी को लेकर उन्होंने पार्टी नेताओं की एक आपात बैठक बुलाई है।

यह बैठक आज मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली है, जिसमें ललन सिंह, विजय चौधरी और संजय झा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। बैठक के एजेंडे पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि माना जा रहा है कि यही तय करेगा जेडीयू का आगे का रुख।


बार-बार गठबंधन तोड़ने का लंबा इतिहास

बिहार की सियासत में यह कोई नया दृश्य नहीं है। नीतीश कुमार का राजनीतिक इतिहास रहा है कि वह कभी किसी भी सहयोगी दल के दबाव में नहीं आते। बीते वर्षों में उन्होंने कई बार गठबंधन तोड़ने और नया साथ जोड़ने का फैसला लिया है कभी बीजेपी छोड़कर आरजेडी का साथ दिया, तो कभी आरजेडी छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई। अब फिर से उनके तेवर बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं।


दोनों गठबंधनों में ‘तनातनी’ जारी

चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद से ही
महागठबंधन और एनडीए दोनों में सीटों को लेकर तकरार जारी है।
बीजेपी बार-बार कह रही है कि सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो चुका है,
वहीं आरजेडी भी यही दावा दोहरा रही है।
लेकिन हकीकत यह है कि दोनों ही गठबंधन अंदरूनी असहमति से जूझ रहे हैं।


राजनीतिक हलचल तेज, निगाहें नीतीश की बैठक पर

अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली जेडीयू बैठक पर टिकी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि
अगर नीतीश कुमार ने कोई बड़ा फैसला लिया,
तो बिहार की चुनावी तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है।


 

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