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बिहार में भूमिहीन गरीबों को घर बनाने के लिए 60 हजार रुपये की जगह सरकार अब एक लाख रुपये देगी। इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी। इसे दिवाली से पहले गरीबों को उपहार बताया जा रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात नवंबर को विधान मंडल में इसकी घोषणा की थी।

इस राशि से गरीब अब जमीन खरीद कर प्रधानमंत्री आवास योजना के घर बना सकते हैं। यह राशि राज्य सरकार की योजना मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता के तहत दी जाएगी। इस योजना के तहत वैसे भूमिहीन लोगों को लाभ दिया जाएगा, जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में है, लेकिन उनके पास अपनी भूमि नहीं है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग के वासविहीन परिवारों को वास भूमि क्रय के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि जमीन की कमी और महंगे दाम के चलते खरीद के लिए अधिकतम देय राशि में वृद्धि की गई है।

वहीं, मुख्यमंत्री के तरफ से मिलने वाले मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा अंचलाधिकारी से यह प्रमाणपत्र लिया जाएगा कि लाभुक को पूर्व में सरकार द्वारा किसी भी योजना के तहत वास भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है। पंचायत अंतर्गत कोई भी सरकारी भूमि लाभार्थी को देने योग्य उपलब्ध नहीं है। अंचलाधिकारी द्वारा यह प्रमाणपत्र 15 दिनों के अंदर प्रखंड विकास पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। तत्पश्चात वास स्थल क्रय को एक लाख रुपये की एकमुश्त राशि लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

उधर, खाते में सहायता राशि आने के बाद लाभार्थी को तीन माह के अंदर जमीन का क्रय कर निबंधन का दस्तावेज प्रखंड विकास पदाधिकारी के समक्ष उपलब्ध कराना होगा। छायाप्रति को मूल दस्तावेज से सत्यापित करने के बाद मूल कागज लाभुक को वापस कर दिया जाएगा। तत्पश्चात प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में लाभुक का क्रम आने के पश्चात 15 दिनों के अंदर उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रथम किस्त का भुगतान कर दिया जाएगा।

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