नई दिल्ली/पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने बिहार में एनएच-139W (साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड) को 4-लेन में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी है। करीब 78.94 किलोमीटर लंबी इस ग्रीनफील्ड परियोजना पर 3,822.31 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर लागू होगा।
बिहार को क्या मिलेगा फायदा?
- पटना से बेतिया तक बेहतर और तेज़ सड़क कनेक्टिविटी।
- वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण और भारत-नेपाल सीमा से जुड़ाव मजबूत होगा।
- यात्रा समय 2.5 घंटे से घटकर 1 घंटा रह जाएगा।
- वाहनों को मिलेगा 80 किमी/घंटा की औसत गति पर चलने का लाभ।
पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा
यह परियोजना सात पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, छह सामाजिक नोड्स, आठ लॉजिस्टिक नोड्स और नौ प्रमुख पर्यटन व धार्मिक स्थलों से जुड़ेगी। इसमें
- केसरिया बुद्ध स्तूप (साहेबगंज)
- सोमेश्वरनाथ मंदिर (अरेराज)
- वैशाली का जैन मंदिर और विश्व शांति स्तूप
- पटना का महावीर मंदिर शामिल हैं।
इससे बौद्ध सर्किट और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन क्षमता को नई मजबूती मिलेगी।
आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति
- लंबे दूरी के मालवाहन परिवहन को बढ़ावा।
- कृषि, उद्योग और सीमा पार व्यापार मार्गों तक बेहतर पहुंच।
- परियोजना से 14.22 लाख मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर।
- आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी।
रणनीतिक महत्व
- NH-139W को एनएच-31, एनएच-722, एनएच-727, एनएच-27 और एनएच-227A से जोड़ा जाएगा।
- यह वैकल्पिक मार्गों के लिए उच्च गति कॉरिडोर के रूप में काम करेगा।
सरकार का दावा है कि यह प्रोजेक्ट बिहार की सड़क कनेक्टिविटी को नया आयाम देगा और पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, पर्यटन और रोज़गार को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।


