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भारत-नेपाल जोगबनी बॉर्डर पर नेपाल सरकार ने भारतीय वाहनों की आवाजाही पर लगाई रोक, मरीजों को सबसे अधिक परेशानी

ByKumar Aditya

मई 30, 2025
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अररिया | नेपाल सरकार ने अचानक भारत-नेपाल जोगबनी सीमा से गुजरने वाले भारतीय वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह निर्णय गुरुवार को नेपाल के आर्थिक बजट सत्र के मद्देनज़र भंसार (कस्टम) कार्यालय के निर्देश पर लिया गया। इस कदम से खासतौर पर इलाज के लिए नेपाल जाने वाले भारतीय मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नेपाल प्रशासन के मुताबिक, बजट सत्र के कारण सभी भंसार बिंदुओं पर काम स्थगित कर दिया गया है। हालांकि आपातकालीन सेवाओं जैसे एंबुलेंस व अन्य नॉन-कमर्शियल वाहनों को छूट दी गई है


इलाज के लिए जाने वालों को लौटना पड़ा

सुपौल के वीरपुर, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए नेपाल के विराटनगर और अन्य शहरों की ओर जाते हैं। गुरुवार को भंसार कार्यालय बिना किसी पूर्व सूचना के बंद हो जाने के कारण कई मरीजों और उनके परिजनों को सीमा से वापस लौटना पड़ा

अररिया निवासी मो. जहांगीर ने बताया कि वे अपने बीमार पिता को विराटनगर के अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन सीमा पर रोक लगने से उन्हें वापस लौटना पड़ा।


प्रशासन ने दी स्थिति की जानकारी

  • नेपाल भंसार प्रमुख उमेश श्रेष्ठ ने कहा कि यह रोक बजट सत्र के कारण लागू की गई है और यह अस्थायी है।
  • एसएसबी की 56वीं बटालियन के सेनानायक सुरेंद्र विक्रम ने बताया कि भारत की ओर से कोई रोक नहीं है, केवल सामान्य जांच प्रक्रिया जारी है।
  • पूर्णिया रेंज के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने स्पष्ट किया कि यह नेपाल सरकार का एकतरफा निर्णय है, भारतीय पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है।
  • फारबिसगंज एसडीओ रंजीत कुमार रंजन ने कहा कि भारतीय क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही सामान्य है, लेकिन नेपाल ने अपने सीमा क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।

त्रिवेणी बॉर्डर पर भी समान स्थिति

गंडक बराज (बगहा-वाल्मीकिनगर सीमा) पर भी दर्जनों भारतीय वाहनों को नेपाल में प्रवेश नहीं मिल पाया। त्रिवेणी स्थित नेपाल भंसार कार्यालय ने नोटिस जारी कर वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध की सूचना दी थी।
छोटे वाहन कुछ सीमावर्ती शहरों में प्रवेश कर सके, लेकिन लंबी दूरी तय करने वाले वाहनों को रोक दिया गया।


स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं अधिकारी

भारत-नेपाल सामाजिक-सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने इस मुद्दे को नेपाल के मोरंग जिलाधिकारी इंद्रदेव यादव के संज्ञान में लाया, जिन्होंने बताया कि यह फैसला जिला सुरक्षा समिति द्वारा नहीं लिया गया है, बल्कि केन्द्रीय स्तर पर भंसार कार्यालय द्वारा लागू किया गया है।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रतिबंध कब तक लागू रहेगा। प्रशासन ने स्थिति पर करीबी नजर बनाए रखने की बात कही है।


 

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