Voice Of Bihar से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद
WhatsApp
Home Local YouTube Instagram
IMG 8831

क्या मोदी के कार्यकाल में ED एक्शन मोड में है? क्या यूपीए-1 के कार्यकाल में ईडी एक्शन मोड में नहीं थी? आज हम इन आंकड़ों पर नजर डालते हैं।

बिहार से लेकर झारखंड तक ईडी एक्शन मोड में नजर आ रही है. वहीं, कई अन्य राज्यों में भी ईडी की सक्रियता में तेजी देखी जा रही है. देश के कई हिस्सों में ईडी लगातार छापेमारी कर रही है. ईडी ने पहले बिहार की राजधानी पटना में पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की और फिर मंगलवार को पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से लगातार 11 घंटे तक पूछताछ की. एक तरफ पटना में ईडी की टीम लालू प्रसाद से पूछताछ कर रही थी तो दूसरी तरफ सोमवार को ही ईडी कोलकाता में राशन वितरण घोटाले में शाहजहां शेख से पूछताछ करने की कोशिश की लेकिन टीएमसी नेता अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए।

हेमंत सोरेन की बढ़ी मुश्किलें

साथ ही कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में ईडी बुधवार यानी आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में पूछताछ करेगी. बता दें कि इससे पहले सोमवार को ईडी ने सोरेन के दिल्ली आवास पर घंटों छापेमारी की और परिसर की तलाशी ली. मुख्यमंत्री के आवास की तलाशी के बाद, ईडी ने 36 लाख रुपये, एक बीएमडब्ल्यू एसयूवी और कुछ कथित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं।

मुंबई में भी दिखीं एक्शन मोड में

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ‘खिचड़ी घोटाले’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मंगलवार (30 जनवरी) को शिवसेना (यूबीटी) नेता और सांसद संजय राउत के छोटे भाई संदीप राउत से पूछताछ की. ईडी के एक्शन मोड पर विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रहे हैं कि ये लोक सभा चुनाव से पहले जान बुझकर किया जा रहा है ताकि पार्टियों को कमजोर किया जा सकें।

अब सवाल है कि आखिर ईडी क्या मोदी सरकार के कार्यकाल में ही एक्शन मोड में है या यूपीए 1 की सरकार में ईडी ने कार्रवाई किए थे. 2004 से 2014 तक यूपीए-1 सरकार के दौरान ईडी ने 112 छापे मारी की थी जबकि मोदी सरकार के दौरान 2014 से 2022 के बीच ईडी ने 3010 छापे मारे हैं. 2004 से 2014 तक ईडी मनमोहन सिंह सरकार के 26 नेताओं के खिलाफ जांच कर रही थी, जिनमें से 14 नेता विपक्ष में थे।

मोदी कार्यकाल में कितने नेता हैं रडार पर

मोदी सरकार के दौरान 2014 से 2022 तक, ईडी ने 121 नेताओं की जांच की, जिसमें 115 नेता विपक्षी पार्टियों से हैं. वहीं, मनमोहन सरकार के दस सालों के अंदर विपक्ष के कई नेता पर ईडी का शिकंजा 54 फीसदी था तो मोदी के कार्यकाल 2022 में 95 फिसदी विपक्षी नेता रडार पर हैं. मोदी सरकार में 2014 से 2022 तक जिन 115 विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी ने जांच की, उनमें शीर्ष तीन कांग्रेस, टीएमसी और एनसीपी के नेता हैं।

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें
ऐप में पढ़ें