पटना, 23 जून।मुजफ्फरपुर रेप पीड़िता की मौत और PMCH की कथित लापरवाही को लेकर जन सुराज पार्टी ने आज स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के सरकारी आवास का घेराव किया और उनके इस्तीफे की मांग की। इस दौरान पार्टी के शीर्ष नेताओं समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शन से हिरासत तक: घटनाक्रम
सुबह से ही जन सुराज पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता स्वास्थ्य मंत्री के सरकारी आवास के पास जुटे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, उपाध्यक्ष एवं पूर्व IAS ललनजी, पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, महासचिव सरवर अली, महिला नेता इंदु सिन्हा, युवा प्रदेश अध्यक्ष कुमार शांतनु, और राकेश रंजन समेत कई प्रमुख नेताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि 25 दिन बीतने के बाद भी सरकार ने मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि नाबालिग पीड़िता की मौत सरकारी लापरवाही से हुई है।
पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को हटाया और कई नेताओं को हिरासत में लिया।
सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए गए नेताओं को पहले सचिवालय थाना, फिर खगौल व अन्य थानों में स्थानांतरित किया गया।
मनोज भारती का बयान: “मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए”
प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“जन सुराज ने पहले ही मंगल पांडेय से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की थी। हमने पटना के गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना भी दिया। लेकिन सरकार और भाजपा दोनों ने इस मांग की अनदेखी की। हमारी यह शांतिपूर्ण पहल अब भी जारी है, लेकिन हमें बलपूर्वक दबाया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि एक संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी और निष्क्रियता सत्ता की असंवेदनशीलता को दर्शाती है।
राजनीतिक दबाव या जन आक्रोश?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह घटना जन सुराज पार्टी की जनता से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय उपस्थिति को दर्शाती है, और साथ ही बिहार सरकार पर विपक्ष के बढ़ते दबाव का संकेत भी देती है।
वहीं, भाजपा और सरकार की ओर से इस पूरे मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मुजफ्फरपुर में एक 11 वर्षीय महादलित बच्ची के साथ बलात्कार और उसके बाद इलाज में हुई लापरवाही से उसकी मृत्यु हो गई थी। इस मामले को लेकर बिहार में सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा निरंतर विरोध किया जा रहा है।