बिहार के मुजफ्फरपुर में भोजपुरी अभिनेता और आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ तथा अभिनेत्री आम्रपाली दुबे के खिलाफ अदालत में अपराधिक परिवाद दायर किया गया है। इनके अलावा पांच अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
4 अक्टूबर को मॉल उद्घाटन का कार्यक्रम
दरअसल, 4 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर शहर के कलमबाग चौक स्थित एक मॉल के उद्घाटन के मौके पर निरहुआ और आम्रपाली दुबे पहुंचे थे। कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे पूरे इलाके में लंबा जाम लग गया। सड़क पर फंसे वाहनों के कारण आम लोगों को काफी परेशानी हुई।
जाम में फंसी रही एंबुलेंस
इस भीड़ के कारण एक एंबुलेंस भी जाम में फंस गई, जिससे मरीज को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी को आधार बनाते हुए अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) की अदालत में निरहुआ, आम्रपाली दुबे, मुजफ्फरपुर के एसडीएम (पूर्वी) तुषार कुमार, तथा मॉल मालिक विवेक अग्रवाल और विकास अग्रवाल के खिलाफ परिवाद दायर किया है।
भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि परिवाद भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223, 89(7), 6, 191(1), 190, 61(1280) और 272 के तहत दायर किया गया है।
उन्होंने कहा —
“जानबूझकर सड़क पर हजारों की भीड़ जुटाकर आवागमन बाधित किया गया। एंबुलेंस भी घंटों फंसी रही, जिससे मरीज को भारी परेशानी हुई। न्यायालय ने परिवाद को स्वीकार कर लिया है और 18 अक्टूबर को सुनवाई तय की है।”
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
अधिवक्ता ने आगे कहा कि प्रशासन ने बिना पर्याप्त सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था के ऐसे कार्यक्रम की अनुमति देकर लापरवाही की है। उन्होंने कहा —
“तमिलनाडु में अभिनेता विजय की रैली में भगदड़ के बाद दर्जनों लोगों की जान चली गई थी। इसके बावजूद इस तरह के आयोजनों को अनुमति देना गंभीर चूक है।”
तमिलनाडु की घटना का संदर्भ
गौरतलब है कि 27 सितंबर को तमिलनाडु में सुपरस्टार विजय की पार्टी तमिलगा वेत्त्री कज़गम (TVK) की रैली में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 41 लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। अधिवक्ता ओझा ने कहा कि ऐसे हादसों से सबक लेते हुए बिहार प्रशासन को भीड़ नियंत्रण पर सख्ती बरतनी चाहिए थी।
