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पटना, 14 जून।बिहार में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भवन निर्माण विभाग की ओर से राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में आधुनिक जिला आपदा रिस्पॉन्स फैसिलिटी-सह-प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं।

7 प्रमंडलीय जिलों में ए टाइप, 11 जिलों में बी टाइप भवन

इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 7 प्रमंडलीय मुख्यालयों — बेतिया, भागलपुर, गया, दरभंगा, पटना, पूर्णिया और सहरसा में 70 करोड़ रुपये की लागत से ए टाइप आपदा रिस्पॉन्स सेंटर और 11 अन्य जिलों में 82 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत से बी टाइप फैसिलिटी सेंटर बनाए जा रहे हैं। इनमें से 6 ए टाइप और 9 बी टाइप भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

आपदा के समय राहत और प्रशिक्षण दोनों की व्यवस्था

भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने बताया कि बिहार के कई जिले हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इन सेंटरों का निर्माण कराया जा रहा है। ये फैसिलिटी सेंटर न केवल आपदा के समय त्वरित राहत कार्य में सहायक होंगे, बल्कि स्थानीय लोगों को आपदा से निपटने का प्रशिक्षण भी देंगे।

सेंटर भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 25,774 वर्गमीटर है। यह तीन मंजिला भवन है, जिसकी छत पर सोलर पैनल भी लगाए गए हैं। इसके साथ ही एसडीआरएफ के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के ठहरने की भी व्यवस्था की गई है, ताकि आपदा के समय त्वरित कार्रवाई की जा सके।

बाढ़ आश्रय स्थल का भी हो रहा निर्माण

इसके अलावा 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ आश्रय स्थलों का भी निर्माण किया जा रहा है। 100 योजनाओं में से 96 जगहों पर निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष 4 जगहों (शिवहर, पूर्वी चंपारण और मधुबनी) में कार्य तेजी से जारी है। प्रत्येक आश्रय स्थल निर्माण पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

सरकार का दावा — आपदा प्रबंधन को मिलेगी मजबूती

भवन निर्माण विभाग का मानना है कि इस पहल से न केवल राहत कार्यों में गति आएगी, बल्कि लोगों में आपदा के प्रति जागरूकता और तैयारी का भी विस्तार होगा। यह राज्य की आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।