पटना। बुधवार शाम छह बजकर 58 मिनट पर बिहार के छह शहरों में मॉक ड्रिल के तहत दो मिनट तक सायरन बजा और शहरों की रफ्तार थम गई। सात बजते ही पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। घर, सड़क, बाजार, धार्मिक स्थल और सार्वजनिक स्थल – सब जगह दस मिनट के लिए बिजली बंद कर दी गई। इस दौरान अस्पतालों में घायलों के इलाज की तैयारियां परखी गईं। युद्ध जैसी स्थिति के लिए यह रिहर्सल किया गया।
इस मॉक ड्रिल में पटना सहित सीमांचल के चार जिलों – कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज के साथ बेगूसराय और बरौनी भी शामिल हुए। लोगों ने अपने घरों की बत्तियां बंद कर दीं और खिड़कियों के पर्दे गिरा लिए। सड़क पर चल रही गाड़ियों के पहिए थम गए। वाहन चालकों ने गाड़ियों की लाइट बंद रखी। फायरब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियों के सायरन से पूरा शहर गूंज उठा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम: मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस गाड़ियों ने लगातार गश्त की। सीमांचल के जिलों में बॉर्डर के पास वाहनों की सख्त जांच की गई। पटना के वीआईपी इलाकों में भी वाहनों की जांच की गई।
पटना में 80 जगहों पर सायरन: राजधानी पटना में मॉक ड्रिल के दौरान 80 स्थानों पर सायरन बजाए गए। ब्लैक आउट के दौरान ट्रैफिक पुलिस, फायर बिग्रेड और सुरक्षा बल तैनात रहे। दस मिनट बाद सबकुछ सामान्य हो गया।