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दरभंगा (बिहार): मिथिला और मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध और सुगंधित शाही लीची अब देशभर में अपनी मिठास और ताजगी के साथ पहुंच रही है, और इसके पीछे सबसे बड़ा योगदान दरभंगा एयरपोर्ट की एयर कार्गो सेवाओं का है। इस वर्ष अब तक 250 टन लीचियों का हवाई परिवहन दरभंगा हवाई अड्डे से किया गया है, जो कि 2024 में हुए 120 टन के मुकाबले 108 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि दर्शाता है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने जताई खुशी

इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा की। AAI ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट से अब मिथिला की लीचियां देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रही हैं, जिससे स्थानीय किसानों और व्यापारियों को बड़ा लाभ मिल रहा है।

किसानों को मिल रहा सीधा फायदा

दरभंगा एयरपोर्ट की मजबूत और संगठित एयर कार्गो प्रणाली ने लीची उत्पादकों को सीधे बाजार तक पहुंचाने में मदद की है। ताजगी बनी रहने के साथ-साथ बेहतर कीमत मिलने से किसानों की आमदनी में सीधा इजाफा हुआ है। अब लीचियां कम समय में देश के बड़े शहरों के बाजारों तक पहुंच रही हैं, जिससे उनकी मांग भी बढ़ी है।

क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मिला नया आयाम

दरभंगा एयरपोर्ट अब सिर्फ यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि कृषि-आधारित लॉजिस्टिक्स के केंद्र के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। AAI की सक्रिय भागीदारी और केंद्र सरकार की हवाई कनेक्टिविटी नीति के तहत यह हवाई अड्डा स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में सफल रहा है।

लीचियों के साथ बिहार की पहचान देशभर में फैली

यह प्रगति सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं है, बल्कि यह उदाहरण है कि किस तरह सरकारी योजनाएं, बुनियादी ढांचा और किसानों की मेहनत मिलकर एक क्षेत्र को राष्ट्रीय पहचान दिला सकते हैं। मिथिला की लीची अब सिर्फ स्वाद का प्रतीक नहीं रही, बल्कि यह बिहार की उड़ती हुई अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी है।

AAI ने पोस्ट में कहा – “गर्व की बात है”

AAI ने अपने पोस्ट में लिखा, “हमें यह साझा करते हुए गर्व हो रहा है कि दरभंगा एयरपोर्ट के माध्यम से अब स्थानीय किसानों की उपज देश के कोने-कोने तक पहुंच रही है। इससे किसानों की आय बढ़ी है और कृषि उत्पाद समय पर ताजगी के साथ गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।”

नया कार्गो हब, नई संभावनाएं

दरभंगा हवाई अड्डा अब केवल एक यात्री टर्मिनल नहीं, बल्कि बिहार के कृषि उत्पादों को देश और दुनिया तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। यह सफलता यह भी सिद्ध करती है कि सुनियोजित निवेश और प्रभावी प्रबंधन से क्षेत्रीय संसाधनों को राष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया जा सकता है।