जवानों के शहीद होने पर महबूबा मुफ्ती को नहीं होता दुख, रैली रद्द करना राजनीति का हिस्सा : शाहनवाज हुसैन
नई दिल्ली। हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को शहीद की संज्ञा देने और उसके सम्मान में चुनावी रैली रद्द करने के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के फैसले को लेकर भाजपा लगातार उन्हें घेरने की कोशिश कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने रविवार को कहा, “भारत का जवान हमारी सीमा की रक्षा करते हुए जब शहीद होता है तब तो महबूबा मुफ्ती को दुख नहीं होता, तब तो वह शोक नहीं मनातीं, तब उनका प्रचार अभियान चलता रहता है, और हिजबुल्ला प्रमुख के मारे जाने पर उनको बहुत दुख हो रहा है। भारत तो चाहता है कि इजरायल, गाजा, लेबनान में युद्ध विराम हो, शांति हो; यूक्रेन, रूस में शांति हो। उसके लिए हमारे नेता नरेंद्र मोदी पूरा प्रयास कर रहे हैं। महबूबा मुफ्ती चुनावी राजनीति को देखते हुए इस तरह का शोक मना रही हैं।”
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि महबूबा मुफ्ती को अब कई बातों का जवाब देना पड़ेगा। क्या वह शांति और सद्भाव के रास्ते पर हैं, क्या वह इन चीजों के साथ खड़ी होंगी? या फिर पूरी दुनिया में आतंकवाद और हिंसा को लेकर जो भी कुछ हो रहा है, वह उसके साथ खड़ी होंगी? उन्होंने कहा, “जब जम्मू-कश्मीर एक राज्य था, जब वहां अनुच्छेद 370 लागू था, लाखों लोग आतंकवाद की जद में आए और मारे गए। हमारे जवान वहां शहीद हुए। जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं पर अत्याचार हुए। महबूबा मुफ्ती ने ऐसा बयान दिया है, तो इससे साबित होता है कि वह आतंकवाद और हिंसा के साथ खड़ी हैं।”
उल्लेखनीय है कि इजरायली सेना द्वारा की गई बमबारी में हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह की मौत के बाद भारत में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दुख प्रकट किया था। उन्होंने नसरल्लाह को शहीद बताते हुए रविवार की अपनी चुनावी रैली भी रद्द कर दी।
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “लेबनान और गाजा के शहीदों, खास तौर पर हसन नसरल्लाह के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मैं कल (रविवार को) अपना अभियान रद्द कर रही हूं। हम इस दुख और अनुकरणीय प्रतिरोध की घड़ी में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं।”
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