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बिहार में जल्द पूरा होगा गंगा पुलों का मेगा नेटवर्क, 9 नए पुलों से बदलेगा राज्य का आवागमन

ByLuv Kush

मई 6, 2025
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पटना | इंफ्रास्ट्रक्चर डेस्क | 6 मई 2025

बिहार में गंगा नदी पर बनने वाले 9 नए मेगा पुलों से राज्य की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार मिलने वाली है। फिलहाल गंगा नदी पर 7 पुलों का संचालन हो रहा है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़कर 16 हो जाएगी। इनमें से 6 पुल अकेले पटना जिले में प्रस्तावित या निर्माणाधीन हैं। यह पहल बिहार की आर्थिक प्रगति, आपदा प्रबंधन और क्षेत्रीय समावेशन के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

पटना जिले में निर्माणाधीन और प्रस्तावित पुलों की स्थिति:

1. औंटा-सिमरिया पुल (राजेंद्र सेतु के समानांतर)

छह लेन वाला यह पुल लगभग बनकर तैयार है। यह मोकामा क्षेत्र के लोगों को राजधानी पटना से बेहतर ढंग से जोड़ेगा।

2. दिघवारा-शेरपुर पुल

सारण जिले के दिघवारा और पटना के शेरपुर के बीच गंगा पर बन रहा यह छह लेन पुल पटना रिंग रोड प्रोजेक्ट से जुड़ेगा और ट्रैफिक में बड़ी राहत देगा।

3. जेपी सेतु के समानांतर नया छह लेन पुल

दीघा-सोनपुर के बीच स्थित जेपी सेतु के समानांतर नया पुल प्रस्तावित है। यह भी मंजूरी प्राप्त परियोजना है।

4. महात्मा गांधी सेतु के समानांतर फोर लेन पुल

मौजूदा गांधी सेतु पर ट्रैफिक लोड कम करने के लिए यह नया पुल तेज़ी से निर्माणाधीन है।

5. कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल

राज्य सरकार की निधि से बन रहा यह छह लेन पुल 2025 के अंत तक पूरा हो सकता है।

6. बख्तियारपुर-ताजपुर पुल

कुछ समय के लिए रुका हुआ यह प्रोजेक्ट अब पुनः आरंभ हो चुका है।

राज्य के अन्य जिलों में निर्माणाधीन पुल:

  • विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोर लेन पुल: भागलपुर और उत्तरी बिहार के बीच संपर्क को और मजबूत करेगा।
  • अगुवानी घाट-सुल्तानगंज पुल: खगड़िया और सुल्तानगंज को जोड़ने वाला यह पुल सीमांचल और कोसी क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
  • साहेबगंज-मनिहारी फोर लेन पुल: यह पुल बिहार को झारखंड से सीधे जोड़ देगा, जिससे व्यापारिक और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

भविष्य की योजनाएं:

  • कहलगांव फोर लेन पुल (भागलपुर) – कहलगांव क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा।
  • मटिहानी-साम्हो छह लेन पुल (बेगूसराय) – रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे में शामिल।
  • एक अन्य रणनीतिक पुल – जिसकी जानकारी जल्द दी जाएगी।

गंगा पर परिचालित वर्तमान पुल:

  1. राजेंद्र सेतु (मोकामा) – 2 लेन
  2. महात्मा गांधी सेतु (पटना) – 4 लेन
  3. जेपी सेतु (दीघा-सोनपुर) – 2 लेन
  4. आरा-छपरा पुल – 4 लेन
  5. बक्सर पुल – 2 लेन
  6. मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल
  7. विक्रमशिला सेतु (भागलपुर) – 2 लेन

क्या होगा फायदा?

इन सभी पुलों के पूरा होने के बाद राज्य के सभी हिस्सों की परस्पर कनेक्टिविटी बेहद मजबूत हो जाएगी। इससे न सिर्फ यातायात की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि आपदा के समय राहत पहुंचाना, व्यापार, पर्यटन और सामाजिक विकास जैसे क्षेत्रों को भी जबरदस्त फायदा मिलेगा।

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