पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य सरकार ने एक बार फिर प्रशासनिक हलकों में बड़ा बदलाव किया है। लगातार जारी तबादलों की इस कड़ी में रविवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के चार अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। सरकार का यह कदम चुनावी तैयारियों और प्रशासनिक कामकाज को चुस्त-दुरुस्त करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
मधुबनी नगर निगम आयुक्त अनिल चौधरी को गृह विभाग भेजा गया
मधुबनी नगर निगम के आयुक्त अनिल चौधरी का तबादला कर उन्हें गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर पदस्थापित किया गया है। अपने कार्यकाल के दौरान चौधरी ने नगर निगम में कई विकासात्मक योजनाओं और स्वच्छता अभियानों को आगे बढ़ाया। अब गृह विभाग में विशेष सचिव के रूप में विधानसभा चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
जहानाबाद के बंदोबस्त पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद बने अपर सचिव
जहानाबाद के बंदोबस्त पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद को सामान्य प्रशासन विभाग में अपर सचिव बनाया गया है। भूमि सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर सक्रिय रहने वाले प्रसाद की नई जिम्मेदारी से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में और तेजी आने की उम्मीद है।
संजय कुमार को मिला बिहार विकास मिशन का अतिरिक्त प्रभार
सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव संजय कुमार को अगले आदेश तक मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के तहत बिहार विकास मिशन के महाप्रबंधक (GM) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। विकास योजनाओं के समन्वयन में अहम भूमिका निभाने वाले इस पद पर संजय कुमार का अनुभव राज्य सरकार के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
किशनगंज DDC स्पर्श गुप्ता बने बीज निगम के MD
किशनगंज के उप विकास आयुक्त (DDC) स्पर्श गुप्ता को बिहार राज्य बीज निगम के प्रबंध निदेशक (MD) के रूप में नियुक्त किया गया है। कृषि क्षेत्र में उनकी नई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर रबी सीजन से पहले बीज वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए।
चुनाव से पहले प्रशासनिक सुगमता पर फोकस
मुख्यमंत्री सचिवालय और कार्मिक विभाग द्वारा जारी इस तबादला सूची का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र प्रशासनिक सुगमता और प्रभावी समन्वय बनाए रखना है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी अधिकारियों के तबादले हो सकते हैं ताकि जिलों में चुनावी तैयारियों की निगरानी और समन्वय मजबूत हो सके।
सरकार ने दिया सुशासन का संदेश
इन तबादलों के ज़रिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह सुशासन और विकास के एजेंडे को लेकर पूरी तरह गंभीर है। अब यह देखना होगा कि इन नए अधिकारियों की नियुक्तियों से प्रशासनिक व्यवस्था में कितना बदलाव देखने को मिलता है।