उपमुख्यमंत्री शिंदे ने दिए तत्काल राहत कार्य के निर्देश, घटना ने फिर उठाए जर्जर इमारतों पर सवाल
मुंबई/कल्याण: मुंबई से सटे कल्याण इलाके में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। सप्तशृंगी इमारत का स्लैब अचानक भरभराकर गिर पड़ा, जिससे 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे में मारे गए लोगों में तीन महिलाएं और एक डेढ़ साल की बच्ची शामिल हैं।
घायलों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी भी अनुमान है कि करीब 10 लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं। राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
घटना का विवरण: अचानक ढह गया स्लैब
हादसा मंगलवार दोपहर करीब 2:55 बजे हुआ। इमारत का स्लैब सीधा नीचे की मंजिलों पर गिर गया, जिससे वहां रह रहे लोग इसकी चपेट में आ गए। घटना की सूचना मिलते ही थाने की डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स और अन्य टीमें मौके पर पहुंचीं और मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया।
मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के कारण बचाव कार्य में बाधा की आशंका भी जताई जा रही है।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का निर्देश
मामले को गंभीरता से लेते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मलबे में फंसे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए और इमारत के अन्य निवासियों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
उन्होंने मृतकों के परिजनों को जिला आपदा राहत कोष से आर्थिक सहायता देने के भी निर्देश दिए हैं।
अब तक की पुष्टि:
मृतकों के नाम:
- प्रमिला साहू (58)
- नामस्वी शेलार (1.5 वर्ष)
- सुनीता साहू (37)
- सुजाता पाडी (32)
- सुशीला गुजर (78)
- व्यंकट चव्हाण (42)
घायलों के नाम:
- अरुणा गिरणारायन (48)
- शरवील शेलार (4)
- विनायक पाधी (45)
- यश क्षीरसागर (13)
- निखिल खरात (27)
- श्रद्धा साहू (14)
स्थानीयों का आरोप: जर्जर थी इमारत
स्थानीय निवासियों ने बताया कि सप्तशृंगी इमारत काफी पुरानी थी और उसकी हालत जर्जर हो चुकी थी।
मरम्मत की जरूरत लंबे समय से थी, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। पुलिस ने इस मामले में लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे:
- 27 जुलाई 2024: नवी मुंबई के बेलापुर में चार मंजिला इमारत ढही, 3 की मौत
- 20 जुलाई 2024: मुंबई के ग्रांट रोड पर एमएचएडीए बिल्डिंग की बालकनी और स्लैब गिरने से एक महिला की मौत
(उस मामले में 6 महीने पहले नोटिस देने के बावजूद लोग इमारत खाली नहीं कर रहे थे)
पुरानी इमारतों पर मंडरा रहा है खतरा
राज्य में लगातार इमारत ढहने की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि पुरानी और जर्जर इमारतों की समय रहते मरम्मत नहीं कराना जानलेवा साबित हो सकता है।
2018 से 2022 के बीच ही महाराष्ट्र में सैकड़ों लोग इमारत गिरने के हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं।
यह हादसा एक बार फिर नगर निकायों की लापरवाही और कमजोर निर्माण मानकों की पोल खोलता है। सवाल यह है कि आखिर कब तक जर्जर इमारतों की सूची तैयार कर उन्हें खाली कराने का अभियान गंभीरता से चलाया जाएगा? जब तक जवाबदेही तय नहीं होती, ऐसे हादसे रुकना मुश्किल हैं।