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महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं के आने और वापिस जाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है रेलवे, भ्रामक जानकारी से बचने की दी सलाह

ByKumar Aditya

फरवरी 10, 2025
Rail 1 jpgNEW DELHI, INDIA FEBRUARY 11: Railway train engines on the tracks at New Delhi Station on February 11, 2013 in New Delhi, India. (Photo by Ramesh Pathania/Mint via Getty Images)

महाकुंभ में श्रद्धालुओं को संगम में डुबकी लगवाने और उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे दिन-रात स्पेशल गाड़ियां चला रहा है। रेलवे भारी भीड़ के बावजूद महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को लाने और वापस उनके घर पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। एक दिन पहले मीडिया में आई एक गलत रिपोर्ट का खंडन करते हुए, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया के माध्यम से देश को बताया कि प्रयागराज क्षेत्र के आठ अलग-अलग स्टेशनों से लगभग 330 ट्रेनों ने 12 लाख 50 हजार यात्रियों को उनके घरों तक पहुंचाया गया है। भले ही भीड़ कम नहीं हो रही है, लेकिन भारतीय रेलवे इन स्टेशनों से सिर्फ 4 मिनट से कुछ ज्यादा समय में एक ट्रेन संचालन कर यह सुनिश्चित कर रहा है कि श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के बाद प्रतीक्षा न करनी पड़े।

माघी पूर्णिमा के अगले पवित्र अमृत स्नान से पहले, इन ट्रेनों की एक रेक एक ही यात्रा में औसतन 3780 यात्रियों की सेवा कर रही है, जो दर्शाता है कि भीड़ कम नहीं हो रही है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सतीश कुमार ने जोनल और डिवीजनल रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से लोगों को कुशलतापूर्वक और पूरी क्षमता से सेवा देने के अपने सभी प्रयासों को मीडिया के ध्यान में लाने के लिए कहा।

 

उन्होंने कहा कि प्रयागराज जंक्शन के साथ 7 अन्य स्टेशन प्रयागराज छिवकी, नैनी, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग और झूसी पूरी तरह कार्यरत हैं। निरंतर भीड़ के बावजूद, प्रयागराज क्षेत्र के इन 8 स्टेशनों से विशेष और नियमित ट्रेनें पूरी क्षमता से चल रही हैं। किसी भी अमृत स्नान से दो दिन पूर्व और दो दिन पश्चात केवल एक स्टेशन प्रयागराज संगम को बंद करना एक नियमित प्रक्रिया है।

 

सतीश कुमार ने जोर देकर कहा कि यह प्रयागराज जिला प्रशासन के सुझाव पर किया गया है और इससे पूर्व के पवित्र स्नानों और अमृत स्नान पर यह कदम उठाया गया था। उन्होंने मीडिया, भारतीय रेलवे के जनसंपर्क के क्षेत्रीय और मंडल कार्यालयों से आग्रह किया कि वे विशेष रुप से आस-पास के इलाकों में कथित यातायात जाम को देखते हुए श्रद्धालुओं को महाकुंभ शहर तक पहुंचने में सहायता करने के लिए अपने बड़े प्रयासों का प्रसार करें। एक तथ्य अनुसार आज दोपहर 3 बजे तक, प्रयागराज जंक्शन सहित 8 स्टेशनों से 9 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को लेकर 201 से अधिक विशेष और नियमित ट्रेनें पहले ही रवाना हो चुकी थीं।

 

इससे पहले दिन में सीआरबी और सीईओ सतीश कुमार ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को रेल भवन के वॉर रूम में प्रयागराज क्षेत्र में रेलवे सेवाओं के सुचारू संचालन के बारे में जानकारी दी, जहां सभी रेलवे स्टेशनों से सीसीटीवी कैमरा फुटेज देखे जा रहे हैं। दोनों ने भीड़ को देखते हुए स्थिति की समीक्षा की और माघी पूर्णिमा के अगले अमृत स्नान से पहले रेलवे की तैयारियों पर चर्चा की। बाद में, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने मीडिया और आम जनता से महत्वपूर्ण प्रयागराज जंक्शन पर सेवाओं के प्रभावित होने के बारे में कुछ मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान ना देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आठ रेलवे स्टेशनों पर जाकर तथ्यों को आसानी से सत्यापित किया जा सकता है, जहां महाकुंभ के लोगो के साथ मेला विशेष ट्रेनें दिन-रात चल रही हैं। भारतीय रेलवे द्वारा एक सामान्य दिन में 330 ट्रेनें चलाना भारत के लोगों के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह संख्या गत माह मौनी अमावस्या के दिन 360 ट्रेनें संचालित करने के समान लोगों की भीड अपने ऐतिहासिक स्तर पर थी।

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक रेलवे स्रोतों का संदर्भ लें तथा भ्रामक जानकारी से बचें।

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