पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में छपरा विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक होने जा रहा है।राजद (RJD) ने भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जिला परिषद अध्यक्ष छोटी कुमारी को टिकट देकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। हाल ही में खेसारी लाल यादव ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी, जिससे इस मुकाबले ने और राजनीतिक गर्मी पकड़ ली है।
स्टार पावर बनाम जमीनी कार्यकर्ता
राजद की उम्मीदवार चंदा देवी, एक ओर जहां अपने पति खेसारी लाल यादव की अपार लोकप्रियता का लाभ उठाने की कोशिश करेंगी, वहीं उनका सामना भाजपा की छोटी कुमारी से है, जो सारण जिले में छपरा विधानसभा क्षेत्र की जिला परिषद अध्यक्ष हैं और एक सशक्त स्थानीय चेहरा मानी जाती हैं।
भाजपा ने इस बार निवर्तमान विधायक सीएन गुप्ता का टिकट काटकर छोटी कुमारी पर दांव लगाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम क्षेत्र में एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर को देखते हुए उठाया गया है। इस तरह, छपरा सीट पर एक तरफ है स्टार पावर वाली उम्मीदवार, और दूसरी तरफ है स्थानीय संगठन से मजबूत जुड़ाव वाली महिला नेता — जो इस चुनाव को बेहद दिलचस्प बना देता है।
खेसारी लाल यादव की लोकप्रियता का सियासी इम्तिहान
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव, जो छपरा के ही मूल निवासी हैं, अब अपनी लोकप्रियता को राजनीतिक मैदान में आजमा रहे हैं — भले खुद न लड़ रहे हों, लेकिन पत्नी चंदा देवी की उम्मीदवारी उनके जनाधार और प्रभाव का सियासी टेस्ट मानी जा रही है।
खेसारी ने पहले कहा था कि उनकी पत्नी “एक पारिवारिक महिला हैं और उन्हें राजनीति में आने के लिए मनाना आसान नहीं था।”
दो बच्चों की मां होने के नाते उन्होंने पहले झिझक दिखाई, लेकिन अब वे पूरी तरह तैयार हैं।
RJD ने इस भावनात्मक और लोकप्रियता दोनों फैक्टर को जोड़कर छपरा में एक मजबूत दांव खेला है।
छपरा सीट का राजनीतिक इतिहास
छपरा विधानसभा सीट को पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। सीएन गुप्ता यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं।
साल 2020 में उन्हें 75,710 वोट मिले थे, जबकि आरजेडी के रणधीर सिंह को 68,939 वोट मिले थे — यानी मुकाबला बेहद करीबी था।
अब समीकरण पूरी तरह बदल गया है, क्योंकि रणधीर सिंह अब जेडीयू में शामिल होकर मांझी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
छपरा सीट पर यादव, राजपूत, ब्राह्मण, बनिया और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
कौन जीतेगा: स्टार की लोकप्रियता या स्थानीय पकड़?
यह सीट अब बिहार के सबसे चर्चित मुकाबलों में से एक बन गई है।
एक तरफ भोजपुरी स्टार की पत्नी की चमक, दूसरी तरफ स्थानीय कार्यकर्ता की जमीनी जड़ें — अब यह देखना दिलचस्प होगा कि छपरा की जनता लोकप्रियता को चुनती है या स्थानीय नेतृत्व को।