पटना, 4 अगस्त 2025 – झारखंड की राजनीति के शिखर पुरुष और तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन का निधन आज एक युग के अंत जैसा प्रतीत हो रहा है। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे देश के राजनीतिक और सामाजिक जगत की अपूरणीय क्षति बताया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा, “स्वर्गीय शिबू सोरेन एक प्रख्यात जननेता थे, जिन्होंने आदिवासी समाज की आवाज़ को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया। वे झारखंड की आत्मा थे। उनका जीवन संघर्ष और सामाजिक न्याय की मिसाल रहा है।”
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर-शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए परिजनों और समर्थकों को इस कठिन समय में संबल देने की कामना की।
शिबू सोरेन का जाना केवल एक नेता का निधन नहीं, बल्कि झारखंड के राजनीतिक इतिहास का एक अध्याय बंद होना है। ‘गुरुजी’ के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन ने वर्षों तक आदिवासी अधिकारों, भूमि संरक्षण और सामाजिक समानता के लिए संघर्ष किया। वे झारखंड आंदोलन के स्तंभ थे और उन्होंने जमीन से जुड़ी राजनीति को देशभर में एक नई पहचान दी।
उनकी राजनीतिक विरासत आज भी झारखंड की नीतियों और आंदोलनों में जीवित है।


