
पटना, 7 जुलाई 2025 — पटना के प्रतिष्ठित कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। शुक्रवार रात 11:30 बजे खेमका की उनके आवास के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड के पीछे सुपारी किलिंग की आशंका जताई जा रही है। जांच में पता चला है कि हत्या की साजिश 10 दिन पहले ही रची गई थी, लेकिन कुछ कारणों से उस समय वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सका।
बेऊर जेल में छापेमारी, अजय वर्मा और गुर्गों से पूछताछ
पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने पटना, हाजीपुर और बेऊर जेल में छापेमारी की है। बेऊर जेल में बंद सुल्तानगंज के कुख्यात अजय वर्मा और उसके गुर्गों से लंबी पूछताछ की गई। पुलिस को शक है कि हत्या की साजिश जेल से रची गई थी और इसमें गुंजन खेमका हत्याकांड से भी तार जुड़े हो सकते हैं।
पहले भी बनी थी हत्या की योजना
सूत्रों के मुताबिक, 10 दिन पहले खेमका की हत्या के लिए दलदली रोड पर शूटर और लाइनर एकत्र हुए थे। रेकी के बाद तय किया गया कि हत्या उनके आवास के बाहर की जाएगी, क्योंकि क्लब के बाहर लोगों की भीड़ के कारण वारदात टाल दी गई थी।
हत्या की रात की पूरी कहानी
जैसे ही गोपाल खेमका बांकीपुर क्लब से निकलकर अपने अपार्टमेंट पर पहुंचे, लाइनर ने शूटर को अलर्ट किया। पहले से घात लगाए बैठे शूटर ने जैसे ही खेमका को गेट पर आते देखा, सीधे उन्हें गोली मार दी और बाइक से फरार हो गया।
24 जून को ही पकड़ा गया था अजय वर्मा
ध्यान देने वाली बात यह है कि 24 जून को अजय वर्मा और उसके 4 गुर्गों को STF और दिल्ली पुलिस ने हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। इनके पास से जर्मन मेड पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस भी बरामद किए गए थे। अब गोपाल खेमका हत्याकांड में भी अजय वर्मा का नाम सामने आना पुलिस जांच को और गंभीर बना रहा है।
क्या कह रही है पुलिस?
पुलिस का कहना है कि जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश किया जाएगा। जेल से मिले मोबाइल और कॉल डिटेल्स की गहन जांच की जा रही है। तीन संदिग्धों को हाजीपुर और पटना सिटी से हिरासत में लिया गया है।