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एक लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र को बीमा सुरक्षा, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को अतिरिक्त लाभ

पटना, 04 अक्टूबर: केंद्र सरकार देश भर में प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि-सह योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र को बीमा सुरक्षा देने जा रही है। इसी कड़ी में मीठे जल में देशी मछली पालन करने वाले मत्स्य पालकों के लिए एनएफडीपी पोर्टल पर जल कृषि बीमा योजना के आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

सरकार की इस पहल से कतला, कॉमन कार्प, मृगल, रोहु, सिल्वर कार्प जैसे देशी जल मछली पालकों का सशक्तिकरण होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।


योजना का लाभ कौन उठा सकता है?

इस योजना का लाभ एक्वाकल्चर किसान, मत्स्य पालक, केजकल्चर से जुड़े किसान, स्वयं सहायता समूह, सहकारी संस्थाएं और छोटे मछली पालन उद्यमी उठा सकते हैं। योजना का लाभ पाने के लिए एनएफडीपी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। विस्तृत जानकारी के लिए जिले के जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।


बीमा के प्रकार और सुरक्षा

इस योजना में दो प्रकार के बीमा उपलब्ध हैं:

  1. मूलभूत बीमा: बाढ़, चक्रवात, प्रदूषण, सूखा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. व्यापक बीमा: मूलभूत बीमा के साथ-साथ मछलियों में रोग या अन्य अप्रत्याशित नुकसान को भी कवर करता है।

बीमा प्रीमियम भुगतान करने वाले कृषकों को 40 प्रतिशत वन-टाइम इंटेंसिव प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।

  • अधिकतम सीमा: 1 लाख रुपए
  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला किसानों: अतिरिक्त 10 प्रतिशत प्रोत्साहन, कुल 1.10 लाख रुपए

इस योजना के माध्यम से मछली पालकों को वित्तीय सुरक्षा और व्यवसाय में स्थिरता मिलेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी।


 

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