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नई दिल्ली, 16 जून।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों और आपदा मोचन बलों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि जब भी देश के डिजास्टर रिस्पॉन्स का इतिहास लिखा जाएगा, मोदी सरकार के 10 वर्ष आपदा प्रबंधन के स्वर्णिम दशक के रूप में दर्ज होंगे।

अमित शाह ने कहा कि देश में आपदा प्रबंधन नीति को अब राहत-केंद्रित दृष्टिकोण से आगे बढ़ाकर समग्र और एकीकृत अप्रोच अपनाई गई है। सरकार ने ‘मिनिमम कैजुअल्टी’ से बढ़कर ‘ज़ीरो कैजुअल्टी’ के लक्ष्य को हासिल करने में उल्लेखनीय सफलता पाई है। ओडिशा में 1999 के सुपर साइक्लोन में जहां 10 हजार लोगों की मृत्यु हुई थी, वहीं 2019 के चक्रवात फानी में केवल 1 और गुजरात के बिपरजॉय तूफान में एक भी जनहानि नहीं हुई।

आपदा प्रबंधन में ऐतिहासिक सुधार

गृह मंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में NDMA, NDRF और SDRF की संरचना और बजट में कई गुना वृद्धि की गई है। वर्ष 2004 से 2014 तक SDRF का बजट ₹38,000 करोड़ था, जो 2014 से 2024 तक बढ़ाकर ₹1.44 लाख करोड़ कर दिया गया। इसी प्रकार NDRF का बजट ₹28,000 करोड़ से बढ़कर ₹84,000 करोड़ हुआ।

उन्होंने कहा कि NDRF की 8 बटालियन से बढ़ाकर 16 बटालियन की गई हैं। वहीं, NDMA ने अब तक 38 दिशानिर्देश और 34 एसओपी जारी किए हैं, जिन्हें ज़िलों तक पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं।

भविष्य की तैयारियों का खाका

अमित शाह ने सभी राहत आयुक्तों को 90 दिन के भीतर हर ज़िले की आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने का निर्देश दिया। हीट वेव और आकाशीय बिजली से निपटने के लिए अलग कार्ययोजना बनाने पर भी बल दिया। साथ ही, स्टार्टअप इंडिया को आपदा प्रबंधन तकनीक से जोड़ने, एक लाख कम्युनिटी वॉलंटियर्स तैयार करने और अंतरराज्यीय मॉक ड्रिल को वार्षिक कार्यक्रम का हिस्सा बनाने की भी घोषणा की।

पर्यावरण संरक्षण को दी प्राथमिकता

गृह मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग आपदाओं का मुख्य कारण हैं। भारत ने पिछले 11 वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिशन LiFE, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस और आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर G-20 टास्क फोर्स जैसी पहलें की गई हैं।

अमित शाह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के बिना शत-प्रतिशत आपदा से बचाव संभव नहीं है। सभी स्तरों पर मिलकर समन्वित प्रयास ही देश को आपदा मुक्त और सुरक्षित बना सकते हैं।