
भागलपुर: इंसान और जानवर के रिश्ते को परिभाषित करती एक मार्मिक घटना भागलपुर के भीखनपुर इलाके से सामने आई है। यहाँ के निवासी और पेशे से डॉक्टर डॉ. जेता सिंह ने अपने पालतू घोड़े ‘साधु साहब’ की मृत्यु के बाद उसे पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अंतिम विदाई दी। इस घटना ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया और पशु प्रेम की एक गहरी मिसाल पेश की।
डॉ. सिंह ने साधु साहब को सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि अपने परिवार का सदस्य माना। घोड़े की मृत्यु के बाद उन्होंने अंतिम संस्कार से लेकर आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान तक सभी परंपराएं निभाईं। खास बात यह रही कि साधु साहब की घर के अंदर ही समाधि बनाई गई ताकि उसकी स्मृति सदा जीवित रहे।
डॉ. सिंह, जो वर्षों से घायल पशु-पक्षियों की देखभाल करते आ रहे हैं, का इस घोड़े से गहरा भावनात्मक जुड़ाव था। श्रद्धांजलि सभा में परिवार के सभी सदस्य, पड़ोसी और डॉ. सिंह के पालतू कुत्ते भी शामिल हुए। इतना ही नहीं, श्रद्धांजलि के दिन पालतू कुत्तों ने भोजन तक ग्रहण नहीं किया, जो दर्शाता है कि इंसान और जानवरों के बीच समझ और संवेदना कितनी गहरी होती है।
इस घटना ने समाज को यह सिखाया कि सच्चा अपनापन और प्रेम सीमाओं का मोहताज नहीं होता। जानवरों के साथ भी वही सम्मान और संवेदना होनी चाहिए, जो हम इंसानों के लिए रखते हैं।