‘कमल और तीर से हटे तो लौट आएगा जंगलराज’ — जमुई में अमित शाह की हुंकार

जमुई। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जमुई में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब जमुई लाल खून और लाल आतंक से त्रस्त था और नक्सलवादियों का गढ़ माना जाता था, लेकिन आज मोदी सरकार ने बिहार से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया है।

अमित शाह ने कहा कि कभी गया, औरंगाबाद और जमुई में नक्सलियों का राज चलता था। उन्होंने याद दिलाया कि नक्सलियों ने अपने 150 साथियों के साथ धनबाद–पटना एक्सप्रेस को हाईजैक कर तीन यात्रियों की हत्या कर दी थी। मगर अब हालात बदल चुके हैं और मुंगेर–जमुई बॉर्डर का चोरमारा गांव 25 साल बाद नक्सलमुक्त हो चुका है।

शाह ने कहा कि पहले कई जिलों में डर का माहौल इतना था कि मतदान दोपहर 3 बजे तक ही कराया जाता था, लेकिन आज शाम 5 बजे तक मतदान होता है। उन्होंने दावा किया कि डर का वातावरण खत्म हो चुका है।

लालू–राबड़ी शासन पर सीधा हमला

अमित शाह ने अपने भाषण में लालू–राबड़ी शासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उस समय बारात जाती थी तो उगाही के लिए लोग कट्टा लेकर पहुंच जाते थे। अपहरण, फिरौती और 20 से अधिक नरसंहार आम बात थे। इसी जंगलराज ने राज्य की फैक्ट्रियां और कारोबार बंद करा दिए और बिहार को गरीबी में धकेल दिया।

“कमल और तीर से हटे तो लौट आएगा जंगलराज”

जनसभा में मौजूद भीड़ को संबोधित करते हुए शाह ने चेतावनी दी कि—
“अगर आपसे जरा भी गलती हुई और आप कमल या तीर छाप से इधर-उधर गए, तो जंगलराज वापस आ जाएगा। क्या जमुई को फिर जंगलराज चाहिए?”

उन्होंने कहा कि पहले चरण का मतदान हो चुका है और लालू–राहुल की पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। जमुई में भी उनका खाता नहीं खुलना चाहिए। शाह ने जनता से कहा कि जमुई की चारों सीटें NDA के खाते में जानी चाहिए

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