पटना: उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में डीजल-पेट्रोल बेचकर यूपी के पंप संचालक मालामाल हो रहे हैं। सीमा से सटे दर्जनों गांव में यूपी के पंप संचालक डीजल व पेट्रोल की होम डिलीवरी तक कर रहे हैं। यूपी के पेट्रोल पंप द्वारा बिहार आने वाली बसों से बगहा दो के ग्रामीण क्षेत्रों में पेट्रोलियम पदार्थों की होम डिलीवरी की जा रही है। इससे वाल्मीकि नगर, हरनाटांड़, लौकरियां सहित क्षेत्र के करीब आधा दर्जन पेट्रोल पंपों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इससे न केवल बिहार के पेट्रोल पंपों की स्थिति बिगड़ रही है बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व की भारी क्षति हो रही है।
यूपी से आने वाला डीजल-पेट्रोल कहीं वहां की कीमत पर तो कहीं बिहार की कीमत पर बेचा जाता है। चौक-चौराहे पर उपलब्धता के कारण लोग इन धंधेबाजों से डीजल-पेट्रोल खरीदना सुविधाजनक समझाते हैं। बगहा अनुमंडल के ठकरहा, पिपरासी, मधुबनी, भितहा, बगहा दो व बगहा एक प्रखंड के दर्जनभर ग्रामीण क्षेत्रों में चौक चौराहों पर यूपी से आए डीजल और पेट्रोल की बिक्री हो रही है। प्रतिदिन दस हजार लीटर से अधिक डीजल और पेट्रोल यूपी के पेट्रोल पंपों से बिहार के इस हिस्से में भेजा जा रहा है। इसकी बिक्री ग्रामीण क्षेत्र के चौक चौराहों पर धड़ल्ले से होती है। बगहा दो के नौरंगिया, मदनपुर, लौकरिया सहित कई गांवों के चौक- चौराहे पर पेट्रोल की खुदरा बिक्री हो रही है।
यूपी में बिहार से डीजल सात रुपये और पेट्रोल 13 रुपये प्रति लीटर कम दर पर मिल रहा है। ऐसे में दो पहिया, तीपहिया वाहनों से प्रतिदिन हजारों लीटर डीजल व पेट्रोल यूपी के पेट्रोल पंपों से लाकर यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से खुदरा बिक्री की जा रही है। प्रशासन की ओर से इस पर लगाम लगाने की कोई कोशिश नहीं होने से यह धंधा तेजी से बढ़ रहा है।
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