
सरकारी योजनाओं की सराहना, रोजगार और शिक्षा सहित नई मांगें भी सामने आईं
भागलपुर, 17 जून 2025:बिहार में महिला सशक्तीकरण को लेकर नीतीश सरकार की ओर से चलाए जा रहे महिला संवाद कार्यक्रम को भागलपुर जिले में ऐतिहासिक समर्थन मिला है। जिले में दो माह से लगातार चल रहे इस संवाद कार्यक्रम के ज़रिए अब तक 3 लाख 97 हजार से अधिक महिलाएं संवाद का हिस्सा बन चुकी हैं।
महिलाओं के सशक्तीकरण, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर उनकी राय जानने के लिए चलाया गया यह कार्यक्रम अब अंतिम चरण में है। मंगलवार को जिला प्रशासन, जीविका और महिला स्वयं सहायता समूहों के समन्वय से यह कार्यक्रम जिले के लगभग सभी ग्राम संगठनों में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
कई ग्राम संगठनों में आयोजित हुए संवाद सत्र
जिला परियोजना प्रबंधक सुनिर्मल गरेन ने जानकारी दी कि भागलपुर में पिछले दो महीनों से प्रतिदिन 30 ग्राम संगठनों में महिला संवाद का आयोजन किया जा रहा था। जिले के कुल 1820 ग्राम संगठनों में से 1815 संगठनों में अब तक संवाद पूरे कर लिए गए हैं।
यह पहला मौका है जब ग्रामीण महिलाओं ने एक मंच पर इतनी बड़ी संख्या में अपनी राय साझा की है। इसमें महिलाओं ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के अपने अनुभव सुनाए और विकास की नई ज़रूरतों पर भी जोर दिया।
सरकारी योजनाओं की सराहना, कई कहानियां सामने आईं
संवाद कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संचालित जीविका, उद्यमिता प्रोत्साहन, दीदी की रसोई, स्वच्छता मिशन, स्वास्थ्य योजनाएं और रोजगार के अवसर सृजन की पहल की सराहना की।
- बिहपुर प्रखंड की सपना देवी ने बताया कि वह पहले एक सामान्य गृहणी थीं, लेकिन सरकारी योजनाओं की मदद से अब वह सफल उद्यमी बन चुकी हैं।
- सबौर प्रखंड की संजू देवी ने कहा कि दीदी की रसोई जैसी योजनाओं ने महिलाओं के लिए स्वरोजगार के दरवाजे खोल दिए हैं। इससे दर्जनों महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
- कहलगांव प्रखंड की सविता देवी ने कहा कि हाल ही में सरकार ने प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई का जिम्मा भी जीविका समूह की महिलाओं को देने का निर्णय लिया है, जिससे दर्जनों महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
नीतियों में सुधार और नई मांगें भी रखीं
संवाद कार्यक्रम की खास बात यह रही कि महिलाओं ने योजनाओं की सराहना के साथ-साथ कुछ अहम सुझाव भी दिए। महिलाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, रोजगार के नए अवसर सृजित करने, बच्चों के लिए खेल मैदान और शिक्षा सुविधा बढ़ाने, किसानों के लिए अनाज भंडारण के लिए गोदाम निर्माण, सस्ती दरों पर उद्यम ऋण की सुविधा और महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं के लिए स्थानीय बाजार उपलब्ध कराने की मांग की।
महिलाओं ने कहा कि सरकार की नीतियों से उनके जीवन में बदलाव आया है, लेकिन कुछ बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों में सुधार की अब भी जरूरत है।
एक करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ चुकीं हैं महिला संवाद से
बता दें कि बिहार सरकार द्वारा राज्यभर में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम से अब तक एक करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। सरकार को महिलाओं से प्राप्त राय और मंतव्यों को राज्य नीति निर्धारण में शामिल किया जाएगा। इससे भविष्य में महिलाओं के सशक्तीकरण को नई दिशा मिलेगी और उनकी समस्याओं का समाधान योजनागत रूप से किया जाएगा।
एक नई इबारत लिखने की तैयारी
महिला संवाद कार्यक्रम बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रहा है। महिलाओं ने इस कार्यक्रम को अपनी आवाज़ बुलंद करने और सरकारी योजनाओं में सीधे अपनी भागीदारी का सशक्त माध्यम बताया है।
सरकार के स्तर पर इस संवाद से मिली जानकारी के आधार पर नई योजनाओं और नीतियों का खाका तैयार किया जाएगा, ताकि ‘आत्मनिर्भर महिला, सशक्त बिहार’ के सपने को साकार किया जा सके।