
भागलपुर, बिहार। भारतीय रेलवे की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत भागलपुर जिले के पीरपैंती रेलवे स्टेशन का आधुनिकरण कार्य तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। एनएसजी-5 श्रेणी में वर्गीकृत यह स्टेशन अब एक नए और आकर्षक स्वरूप में नज़र आ रहा है, जिसमें यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और सांस्कृतिक पहचान—all in one—को समाहित किया गया है।
₹18.93 करोड़ की लागत से हो रहा पुनर्विकास
पहले चरण के अंतर्गत ₹18.93 करोड़ की लागत से पीरपैंती स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है। इस कार्य में सिविल, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग और दूरसंचार (एसएंडटी) से जुड़े बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सौंदर्यीकरण और स्मार्ट सुविधाओं को शामिल किया गया है।
प्रमुख विशेषताएं जो पीरपैंती स्टेशन को बनाती हैं खास:
- 12 मीटर चौड़ा रूफ प्लाजा सहित फुट ओवर ब्रिज (एफओबी)
- सौंदर्यपूर्ण प्रकाश व्यवस्था के साथ आधुनिक अग्रभाग (फसाड)
- प्रथम और द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय, आरक्षित और कार्यकारी लाउंज, तथा महिला प्रतीक्षालय
- कंकोर्स और आगमन खंड का विकास
- बड़ी इनडोर/आउटडोर वीडियो वॉल्स द्वारा यात्री सूचना प्रणाली
- दिव्यांगजन-अनुकूल अधोसंरचना और यात्री परिसंचरण क्षेत्र
- स्टेशन नेविगेशन को आसान बनाने के लिए व्यापक साइनेज सिस्टम
स्थानीय संस्कृति और आधुनिक डिज़ाइन का अनूठा संगम
पुनर्विकसित पीरपैंती रेलवे स्टेशन का डिज़ाइन स्थानीय कला, शिल्प और ऐतिहासिक स्मारकों से प्रेरित है। यह स्टेशन अब केवल एक परिवहन केंद्र नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक भारत की प्रगति का प्रतीक बन चुका है।
रेलवे की प्रतिबद्धता का प्रतीक
पीरपैंती स्टेशन का यह कायाकल्प भारतीय रेलवे की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें यात्री अनुभव को बेहतर बनाते हुए स्थानीय पहचान और सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने का प्रयास किया गया है।