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मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना का लाभ उठाने के लिए 31 अगस्त तक कर सकते हैं आवेदन

विगत तीन वर्षों में मछली पालकों को 298.46 करोड़ रूपये का मिला अनुदान
• योजना के तहत प्रति यूनिट इकाई लागत प्राक्कलित राशि का 50-70 प्रतिशत तक दिया जा रहा है अनुदान

पटना, 28 जून।बिहार सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिए मछली पालकों को सहायता दे रही है, जिसकी बदौलत राज्य को मछली के उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिली है। इसी कड़ी में बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अन्तर्गत मत्स्य निदेशालय ने मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना 2025-26 के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। इसका लाभ उठाने के लिए मछली पालकों के पास 31 अगस्त तक का समय है।

मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना के तहत मछली पालकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में पांच प्रमुख श्रेणियां शामिल हैं, जिसमें इकाई लागत का 50 से 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। सामान्य वर्ग के मछली पालकों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है।

इस योजना के तहत राज्य को मत्स्य उत्पादन के साथ-साथ मत्स्य बीज उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है। विगत तीन वर्षों में इस योजना से मछली पालकों को 298.46 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।

मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना की पांच श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:

  1. उन्नत मत्स्य उत्पादन – 0.5 एकड़ वाली इकाई लागत 1 लाख रुपये, 50-70% अनुदान
  2. ट्यूबवेल तथा पम्प सेट अधिष्ठापन – 1.2 लाख रुपये इकाई लागत, 50-60% अनुदान
  3. तालाब मात्स्यिकी के लिए यांत्रिक एरेटर – 50 हजार रुपये इकाई लागत, 50-70% अनुदान
  4. कार्प हैचरी इनपुट सहायता – 8 लाख रुपये इकाई लागत, 50-70% अनुदान
  5. मत्स्य बीज हैचरी का जीर्णोद्धार एवं उन्नयन – 5 लाख रुपये इकाई लागत, 50-70% अनुदान

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया चालू है। इच्छुक लाभार्थी fisheries.bihar.gov.in पर 31 अगस्त 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.Html या अपने जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क करें।