पटना, 30 मई 2025:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के दौरान पटना स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी नेताओं के साथ करीब डेढ़ घंटे की रणनीतिक बैठक की। इस अहम बैठक में उन्होंने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर धैर्य, जनसंपर्क और बूथ प्रबंधन जैसे मुद्दों पर नेताओं को सीधे संवाद के जरिए जीत का मंत्र दिया।
राजनीति में धैर्य सबसे जरूरी: मोदी
प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि राजनीति में सबसे जरूरी है धैर्य। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “टिकट न मिलने पर जो पार्टी छोड़ देते हैं, वे धैर्यहीन होते हैं। राजनीति में सफलता समर्पण और निरंतरता से आती है।” उन्होंने NDA की तीसरी बार केंद्र में सत्ता वापसी को जनसंघ के दौर से चले आ रहे संघर्ष और समर्पण का परिणाम बताया।
बूथ से ही चुनाव जीतता है
मोदी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि “बूथ जीतेंगे, तभी चुनाव जीतेंगे।” अपने पुराने अनुभवों को साझा करते हुए पीएम ने बताया कि कैसे वे खुद बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं के साथ जुड़कर काम करते थे। यह संदेश था कि हर कार्यकर्ता की भूमिका निर्णायक हो सकती है।
डबल इंजन सरकार की योजनाएं हर घर तक पहुंचाएं
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि डबल इंजन सरकार यानी केंद्र और राज्य की संयुक्त योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष (विशेषकर RJD शासनकाल) की विफलताओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने पर जोर दिया, जिससे वोटर सही तुलना कर सकें।
सोशल मीडिया को बनाया ‘मॉडर्न हथियार’
मोदी ने कहा कि आज की राजनीति में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली हथियार बन चुका है। नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसमें सक्रिय और प्रभावी रहने की सलाह दी गई। उन्होंने सरकार की योजनाओं, फील्ड रिपोर्ट और जनता के फीडबैक को सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित करने पर बल दिया।
ऑपरेशन सिंदूर और जनता का फीडबैक
बैठक में मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और जनता की प्रतिक्रिया पर भी सवाल-जवाब के माध्यम से जानकारी ली। उन्होंने इसे जनता के भरोसे और राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
NDA में समन्वय और संगठन की ताकत
प्रधानमंत्री ने NDA के सभी घटक दलों के बीच ऊपर से लेकर बूथ स्तर तक मजबूत समन्वय बनाए रखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव में सफलता संगठन की एकजुटता से ही संभव है।
बैठक में 180 से ज्यादा नेता रहे शामिल
भाजपा के सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों, और प्रदेश पदाधिकारियों सहित करीब 180 नेता इस बैठक में शामिल हुए। कुछ मंत्री और विधायक बिक्रमगंज की जनसभा की तैयारियों में व्यस्त होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके। यह दूसरी बार था जब पीएम मोदी पटना के भाजपा कार्यालय आए — इससे पहले वे 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान यहां उपस्थित रहे थे।