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बिहार: कोर्ट हाजत से कैदियों की फरारी पर बड़ी कार्रवाई, एक हवलदार और आठ सिपाही सस्पेंड

ByLuv Kush

मई 30, 2025
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समस्तीपुर, 30 मई 2025:

बिहार के समस्तीपुर में व्यवहार न्यायालय परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब बुधवार को पांच बंदी पुलिस सुरक्षा को चकमा देकर हाजत कक्ष से फरार हो गए। इस घटना के बाद पुलिस की लापरवाही सामने आने पर एक हवलदार और आठ सिपाहियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, दो अन्य पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनिक जांच शुरू कर दी गई है।

कैसे हुई फरारी?

घटना के मुताबिक, बुधवार को समस्तीपुर कोर्ट परिसर में बंदियों को पेशी के लिए लाया गया था। इसी दौरान हाजत कक्ष में मौजूद पांच बंदियों ने पुलिस टीम को धक्का देकर भागने की कोशिश की। हालांकि, एक बंदी को मौके पर ही पकड़ लिया गया, लेकिन चार अन्य भागने में सफल रहे। इस चौंकाने वाली घटना ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

फरार बंदियों की तलाश जारी, नेपाल भागने की आशंका

फरार बंदियों के नेपाल भागने की आशंका को देखते हुए समस्तीपुर पुलिस ने नेपाल सीमा, मुजफ्फरपुर और वैशाली जैसे सीमावर्ती जिलों में छापेमारी तेज कर दी है। सभी जिलों की डिस्ट्रिक्ट इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) को बंदियों की तस्वीरें भेज दी गई हैं और सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक ने खुद सीमावर्ती जिलों के एसपी से समन्वय स्थापित कर तलाश अभियान तेज करने का निर्देश दिया है।

कड़ी कार्रवाई शुरू, दर्ज हुई FIR

घटना के बाद हाजत की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले एक हवलदार और आठ सिपाही निलंबित कर दिए गए हैं। इसके अलावा, दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

इस मामले में सहायक अवर निरीक्षक सिद्धनाथ प्रसाद सिंह की ओर से सभी पांच फरार बंदियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

नगर थाना पुलिस ने पकड़े गए बंदी से गहन पूछताछ की है, और उसके बयान के आधार पर फरार आरोपियों की संभावित ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ी, पर नए इंतजाम नहीं

घटना के अगले दिन गुरुवार को कोर्ट परिसर की गतिविधियां सामान्य रहीं, लेकिन सुरक्षा में सख्ती देखने को मिली। हर गेट पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा, लेकिन कोई नया सुरक्षा इंतजाम दिखाई नहीं दिया। न्यायिक कार्य पूर्ववत चला, लेकिन इस घटना ने न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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