Voice Of Bihar से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद
WhatsApp
Home Local YouTube Instagram
GridArt 20240128 142929331 scaled

गुजरात के जूनागढ़ जिले में  दो पुलिस निरीक्षकों और एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) के खिलाफ केरल के एक निवासी से उसके बैंक खाते को फिर से चालू कराने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट तब दर्ज की गई जब आंतरिक जांच से पता चला कि आरोपियों ने जांच के बहाने लगभग 335 बैंक खातों को ‘फ्रीज’ कर दिया था और जब एक खाताधारक ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने उनसे पैसे कथित तौर पर ऐंठने की कोशिश की।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज

जूनागढ़ रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) नीलेश जजादिया के कार्यालय से निरीक्षक एस.एन.गोहिल द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर, जूनागढ़ ‘बी’ डिवीजन पुलिस ने शहर के पुलिस निरीक्षक तराल भट्ट, जूनागढ़ के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के साइबर अपराध प्रकोष्ठ के निरीक्षक ए.एम.गोहिल और एएसआई दीपक जानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। शिकायकर्ता निरीक्षक एस एन गोहिल ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धाराओं 167 (चोट पहुंचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा गलत दस्तावेज तैयार करना), 465 (जालसाजी), 385 (जबरन वसूली के लिए किसी व्यक्ति को भय में डालना), 120 बी (आपराधिक साजिश) के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

फिलहाल गिरफ्तारी नहीं

उन्होंने कहा, ‘‘ए एम गोहिल और जानी दोनों को पहले ही सेवा से निलंबित कर दिया गया है। अभी तक हालांकि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।’’ प्राथमिकी के अनुसार, केरल के रहने वाले कार्तिक भंडारी को दिसंबर, 2023 में पता चला कि बैंक ने उनके बैंक खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी है। इसके अनुसार बैंक अधिकारियों ने उन्हें बताया कि ऐसा जूनागढ़ पुलिस के साइबर अपराध प्रकोष्ठ के आदेश पर किया गया था। प्राथमिकी के अनुसार जब भंडारी ने जूनागढ़ में पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्होंने कुछ दस्तावेज मांगे। इसके बाद उन्होंने 16 जनवरी को जूनागढ़ में एसओजी कार्यालय में जानी और ए एम गोहिल से संपर्क किया।

ईडी का डर दिखाया

इसके अनुसार जानी ने भंडारी को कथित तौर पर बताया कि उनका खाता ‘फ्रीज’ कर दिया गया है क्योंकि करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन के बारे में ‘‘प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी’’ और 25 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। प्राथमिकी के अनुसार जब भंडारी ने कहा कि वह केवल तीन से चार लाख रुपये की व्यवस्था कर सकता है, तो जानी ने कथित तौर पर कहा कि अन्य खाताधारकों ने अपने खातों को चालू कराने के लिए 20 लाख रुपये तक का भुगतान किया है, और उनके वरिष्ठ अधिकारी 3-4 लाख रुपये पर नहीं मानेंगे। इसमें कहा गया है कि निरीक्षक ए एम गोहिल ने मामले को ईडी को भेजने की कथित तौर पर धमकी दी। अपने वकील की सलाह के अनुसार, भंडारी ने क्षेत्र के आईजी से संपर्क किया और अपने खाते को चालू कराने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया। आईजी जजादिया ने निरीक्षक एस एन गोहिल को जांच करने को कहा। निरीक्षक एस एन गोहिल ने कहा कि जांच करने के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें