बेगूसराय, बिहार – भोजपुरी सिनेमा की चर्चित अभिनेत्री और गायिका अक्षरा सिंह तथा उनके पिता विपिन सिंह के खिलाफ बेगूसराय जिला न्यायालय ने गंभीर धाराओं में समन जारी किया है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ओम प्रकाश की अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 427 (संपत्ति को क्षति पहुंचाना) और 34 (साझा आपराधिक मंशा) के तहत संज्ञान लेते हुए दोनों को 24 अप्रैल 2025 को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
लोकगायक एवं इवेंट आयोजक शिवेश मिश्रा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 24 अक्टूबर 2023 को समस्तीपुर जिले के सिंहिया में आयोजित एक कार्यक्रम के लिए अक्षरा सिंह को ₹5.51 लाख अग्रिम भुगतान किया था। करार के अनुसार, कार्यक्रम तीन घंटे का होना था। हालांकि, अक्षरा सिंह नियत समय से काफ़ी देर से पहुंचीं और मात्र आधे घंटे का प्रदर्शन कर गुस्से में माइक पटककर मंच से चली गईं।
शिवेश मिश्रा का आरोप है कि दर्शकों द्वारा नोट लुटाए जाने से अक्षरा नाराज़ हो गईं और उन्होंने बाकी कार्यक्रम को छोड़ दिया। आयोजक द्वारा मंच पर उन्हें रुकने का कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन वह अपने पिता विपिन सिंह के साथ वहां से चली गईं। उन्होंने अब तक अग्रिम भुगतान की राशि भी वापस नहीं की है।
कोर्ट की कार्रवाई
इस घटनाक्रम के बाद, शिवेश मिश्रा ने बेगूसराय कोर्ट में एक परिवाद पत्र (संख्या 2006/2023) दायर किया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने समन जारी किया है। मामले की सुनवाई अब 24 अप्रैल को होगी, जिसमें दोनों आरोपितों को उपस्थित होना अनिवार्य है।
परिवादी का बयान
शिवेश मिश्रा ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे न्याय मिला है। सच की हमेशा जीत होती है। मैंने जो भुगता उसे कोर्ट में साबित कर पाया।” उनके अधिवक्ता प्रमोद कुमार ने बताया कि यह मामला एक कलाकार के पेशेवर रवैये पर सवाल खड़ा करता है और इसका असर इवेंट इंडस्ट्री पर भी पड़ता है।
दूसरी ओर क्या कहती है अक्षरा सिंह की टीम?
अक्षरा सिंह और उनके पिता की ओर से अब तक इस मामले पर कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन पहले उन्होंने एक एफआईआर में यह आरोप लगाया था कि कार्यक्रम स्थल पर उनके साथ गलत व्यवहार हुआ और उन्हें जानबूझकर गुमराह किया गया।
निष्कर्ष
यह मामला अब कानूनी मोड़ ले चुका है और सभी की नजरें 24 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी होंगी। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल एक बड़ी कलाकार की छवि को धक्का पहुंचा सकता है, बल्कि भोजपुरी इंडस्ट्री में अनुशासन और पेशेवर व्यवहार की दिशा में भी बड़ा संदेश देगा।