पूर्वी चंपारण के सरकारी विद्यालयों में बेंच-डेस्क सप्लाई में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. खेल में शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल थे. सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही मामले का खुलासा किया था. इसकी शिकायत शिक्षा मंत्री से लेकर अपर मुख्य सचिव तक की गई थी. बिहार विधानमंडल में भी यह मामला उठा था. वर्तमान से लेकर पूर्व के जिला शिक्षा पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही थी. अब जाकर वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ शिक्षा विभाग ने विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि, पूरे मामले में पूर्वी चंपारण जिले के पूर्व डीईओ साफ बचते हुए दिखाई पड़ रहे हैं.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ का एक्शन लगातार जारी है. शिक्षा विभाग ने पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने 15 जनवरी को ही संकल्प जारी किया है. शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने 15 जनवरी को जारी अपने पत्र में कहा है कि पूर्वी चंपारण जिले में बेंच-डेस्क सप्लाई में गड़बड़ी हुई है. पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने विभिन्न विद्यालयों में आपूर्ति किए गए बेंच-डेस्क की जांच की. जिसकी गुणवत्ता असंतोषजनक पाया गया. इस आरोप में जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण संजीव कुमार के खिलाफ प्रथमदृष्टया आरोप प्रमाणित है. ऐसे में सरकार ने वृहद जांच का संकल्प लिया है.
पूर्वी चंपारण के डीईओ संजीव कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी. शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चंद्र झा को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. वहीं तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी बनाया गया है. शिक्षा विभाग ने कहा है कि संचालन पदाधिकारी तीन माह के अंदर विभागीय कार्यवाही संपन्न कर जांच प्रतिवेदन दें.
बता दें, पूर्वी चंपारण के सरकारी स्कूलों में करोड़ों की बेंच-डेस्क सप्लाई में बड़ा खेल किया गया था. पूरे मामले के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया था. सत्ताधारी दल के विधायकों ने बड़े घोटाले की पोल खोली थी. अब जाकर शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है.
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